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Investment Plans: इन निवेश विकल्पों पर आयकर की धारा 80C के तहत मिलता है Tax Benefit, पता करें पूरी जानकारी

Investment Plans आयकर अधिनियम की धारा 80C आपको हर साल अपनी कर देनदारी कम करने की अनुमति देती है। आपको बता दें कि आप 80 सी से केवल तभी लाभ उठा सकते हैं जब आप पुरानी कर प्रणाली का विकल्प चुनते हैं। आज जानिए धारा 80 सी के तहत कौन कौन से विभिन्न निवेश के विकल्प हैं। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 10 Oct 2023 09:30 PM (IST)
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इन निवेश ऑप्शन में निवेश कर आप धारा 80C के तहत अपने टैक्स को बचा सकते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली: हम अकसर उन निवेश विकल्पों की तलाश करते हैं जो रिटर्न के वक्त टैक्स बचाए। आयकर अधिनियम के मुताबिक प्रत्येक भारतीय अपने टैक्स का उचित हिस्सा चुकाने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है।

हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आपको पूरी राशि का भुगतान करना होगा। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, आप हर साल अपनी कर देनदारी कम कर सकते हैं।

यहां ध्यान देने वाली यह है कि आपको 80C का लाभ तभी मिलेगा जब आपने पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुना हो। आज हम आपको उन विभिन्न निवेश के विकल्पों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें निवेश कर आप धारा 80C के तहत अपने टैक्स को बचा सकते हैं।

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नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक पेंशन योजना है जो नागरिकों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ उठाने की अनुमति देता है।

18 से 70 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी व्यक्ति एनपीएस खाता खोल सकता है। इस योजना के तहत आप आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स कटौती के पात्र हैं।

इसके अलावा आप धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये का कर लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)

ईएलएसएस फंड, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड के रूप में जाना जाता है। इस फंड पर आप आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं। ईएलएसएस फंड केवल तीन साल की लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं।

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) एक ऐसा वित्तीय उत्पाद है जो ग्राहकों को एक ही पैकेज में बीमा और निवेश दोनों प्रदान करता है।

आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत, आप अपने यूलिप के लिए जो प्रीमियम भुगतान करते हैं वह कर कटौती के लिए पात्र है। आप हर साल 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

इसके अलावा यूलिप पर जो आपको रिटर्न मिलता है वो इनकम टैक्स की धारा 10(10D) के तहत आयकर से मुक्त है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (या पीपीएफ) टैक्स बचाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रसिद्ध निवेश योजना है। चूंकी यह योजना सरकार द्वारा समर्थित होता है इसलिए इसे एक सुरक्षित निवेश माध्यम माना जाता है।

आप आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।

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सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

सुकन्या समृद्धि योजना एक सरकारी बचत योजना है जिसका उद्देश्य 'बालिका-बालिकाओं' के विकास को आगे बढ़ाना है।

इस योजना के तहत आप आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक का कर छूट ले सकते हैं। इसके अलावा आप ब्याज पर भी टैक्स से छूट ले सकते हैं और मैच्योरिटी के समय कुल रकम पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट भारत सरकार द्वारा समर्थित एक छोटी बचत योजना है। आप इस योजना में आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक का कर छूट का दावा कर सकते हैं।

टैक्स सेविंग एफडी

टैक्स-सेविंग एफडी पर आप आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। इन एफडी का लॉक-इन पीरियड 5 साल का होता है।

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) भारत सरकार द्वारा समर्थित एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है और सभी वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है। इसमें भी आप धारा 80 सी के तहत हर साल 1.5 लाख रुपये का टैक्स छूट ले सकते हैं।

यहां आपको बता दें कि यदि आप पांच साल की निरंतर जॉब के बाद अपना फंड निकालते हैं तो आपका ईपीएफ बैलेंस (आपके द्वारा अर्जित ब्याज सहित) कर-मुक्त है।