Move to Jagran APP

TDS certificate form 16/16A: क्या है टीडीएस के लिए भरा जाने वाला ये फॉर्म, जो बचाता है आपके टैक्स का पैसा

What is TDS certificate form 16 and 16A अगर आप नौकरी करते हैं या ITR फाइल करते हैं तो आपने भी अपने नियोक्ता द्वारा जारी फॉर्म 16 के बारे में जरूर सुना होगा। आज हम इस फॉर्म के बारे में विस्तार से जानेंगे। (जागरण फोटो)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Thu, 23 Feb 2023 07:16 PM (IST)
Hero Image
What is TDS certificate form 16 and 16A: See Details Information Here
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने AY 2023-24 के लिए नए ITR  Form को जारी कर दिया है। नए फॉर्म्स 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो जाएंगे। इसके साथ ही, ITR फाइलिंग और साथ में जमा होने वाले Form 16 की बातें भी शुरू हो गई है। फॉर्म 16 को TDS के लिए भरा जाता है, जो टैक्स में कटने वाले आपके पैसे को बचा सकती है। तो चलिए जानते हैं कि यह फॉर्म क्या है और क्यों इसकी जरूरत ITR भरने के समय होती है।

क्या है Form 16? (What Is Form 16?)

फॉर्म 16 नियोक्ताओं द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किया गया एक प्रमाण पत्र है, जो इस बात की गारंटी देता है कि टीडीएस (TDS) को कर्मचारी की ओर से आयकर विभाग द्वारा काट दिया गया है और पहले ही जमा कर दिया गया है। यह एक अनिवार्य रूप से जारी फॉर्म है और कर्मचारी को भुगतान किए गए वेतन का एक विस्तृत सारांश देता है। यह दो तरह के फॉर्म में आता है 16A और 16B।

16A और 16B में अंतर

TDS के लिए जारी फॉर्म 16 के दो पार्ट होते हैं-16A और 16B। फॉर्म 16A में कर्मचारी और नियोक्ता की बेसिक डिटेल होती है, जिसमें PAN और TAN जैसी जानकारी के विवरणों को जमा किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से नियोक्ता का नाम और पता, नियोक्ता का TAN और PAN, कर्मचारी का PAN, टैक्स कटौती और तिमाही डिपॉजिट का विवरण होता है।

दूसरी तरफ, फॉर्म 16B में कर्मचारी की सैलरी डिटेल और टैक्स डिडक्शन का पूरा विवरण होता है। कर्मचारी अपने वार्षिक रिटर्न को दाखिल करते समय अतिरिक्त जानकारी भी इस फॉर्म में भरता है।

किनके द्वारा भरा जाता Form 16?

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों के अनुसार, प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति जिसकी आय इनकम टैक्स ब्रैकेट के तहत आती है, वह फॉर्म 16 भर सकते हैं। हालांकि, वैसे कर्मचारी जो इस टैक्स ब्रेकेट से बाहर हैं, उन्हें इस फॉर्म को भरने की जरूरत नहीं है और न ही कंपनी ऐसे कर्मचारी को फॉर्म 16 प्रदान करने के लिए बाध्य है। भारत में पुराने टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को टैक्स भरने की जरूरत होती है। वहीं, नए टैक्स रिजीम के तहत तीन लाख से ऊपर के वार्षिक आय वाले लोगों को टैक्स भरना पड़ता है।

कैसे लें सकते हैं Form 16?

फॉर्म 16 को लेने के लिए आपको अपने नियोक्ता से संपर्क करना पड़ता है। अगर आप अपनी नौकरी को छोड़ देते हैं, तब भी आपका नियोक्ता इसे देने से मना नहीं कर सकता है।

जॉब छोड़ने पर भी भरना पड़ता है ये फॉर्म

Form 16 को लेकर इस बात को जानना जरूरी है कि अगर कर्मचारी वित्त वर्ष के बीच में अपने जॉब को बदल लेता है तो इस स्थिती में कर्मचारी को अपनी पहली कंपनी और अपनी नई कंपनी दोनों में इस फॉर्म को भरना पड़ता है। अगर कर्मचारी ऐसा नहीं करता तो दोनों कंपनियां TDS का पैसा टैक्स के रूप में आयकर विभाग को जमा कर देती हैं।

ये भी पढ़ें-

EPFO Rule: प्रॉविडेंट फंड नहीं जमा कर रही कंपनी तो करें ये उपाय, ब्याज के साथ मिलेगा पूरा पैसा