New GST Rule: आज से बदल गए जीएसटी के नियम, कर चोरी करने वालों पर नकेल कसने की तैयारी
GST कानून के अनुसार यदि IRP पर चालान अपलोड नहीं किए गए हैं तो बिजनेस इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं उठा सकते हैं। इस एक बदलाव से क्या-क्या चीजें बदलने वाली हैं इसे जान लेना बहुत जरूरी है।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Mon, 01 May 2023 08:11 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। New GST Rule: GST के कुछ नियम आज से बदल गए हैं। जिन व्यवसायों का टर्नओवर 100 करोड़ और उससे अधिक है, उन्हें चालान जारी होने के 7 दिनों के भीतर चालान पंजीकरण पोर्टल (IRP) पर अपना इलेक्ट्रॉनिक चालान अपलोड करना होगा। यह व्यवस्था आज से लागू भी कर दी गई है।
वर्तमान में बिजनेस संस्थाओं को इनवॉइस पंजीकरण पोर्टल (IRP) पर चालान अपलोड करनी पड़ती है, भले ही ऐसे चालान जारी करने की तिथि कुछ भी हो।
GST नेटवर्क (GSTN) ने कहा है कि सरकार ने करदाताओं के लिए ई-चालान IRP पोर्टल पर पुराने चालानों की रिपोर्टिंग पर समय सीमा की कैपिंग लगाने का फैसला किया है, जिनका कुल वार्षिक कारोबार 100 करोड़ से अधिक या उसके बराबर है। GSTN के अनुसार, "समय पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इस श्रेणी के करदाताओं को रिपोर्टिंग की तारीख पर 7 दिनों से अधिक पुराने चालानों की रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
ये होगी व्यवस्था
GSTN ने कहा कि यदि किसी चालान की तारीख 1 अप्रैल, 2023 है, तो उसे 8 अप्रैल, 2023 के बाद रिपोर्ट नहीं किया जा सकता है। चालान पंजीकरण पोर्टल में लगाई गई वेरिफिकेशन प्रणाली उपयोगकर्ता को 7 दिन के बाद चालान की रिपोर्ट करने से रोक देगी। इसलिए, करदाताओं के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वे नई समय सीमा द्वारा लगाई गई 7 दिन की अवधि के भीतर चालान की रिपोर्ट करें।क्या होगा इस बदलाव का असर
GST कानून के अनुसार, यदि IRP पर चालान अपलोड नहीं किए गए हैं तो व्यवसाय इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं उठा सकते हैं। यह तकनीकी परिवर्तन बड़ी कंपनियों द्वारा ई-चालान की बैकडेटिंग को रोक देगा। बड़े और अधिक लेनदेन वाले करदाताओं के लिए इसे सफलतापूर्वक लागू करने के बाद सरकार चरणबद्ध तरीके से सभी करदाताओं के लिए इन बदलावों को लागू कर सकती है।