Linked FD और नार्मल एफडी में क्या है अंतर, जानें कहां मिलता है ज्यादा रिटर्न
अगर आप एफडी खुलवाने का प्लान कर रहे हैं तो आपके सामने Linked FD और नार्मल एफडी का ऑप्शन होता है। ऐसे में लोग काफी कंफ्यूज के आपको चेक करना चाहिए इनमें से किसमें ज्यादा का फायदा मिलता है। जानिए पूरी आर्टिकल विस्तार से....
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। एफडी में निवेश करना कई लोगों को पसंद आता है। यहां आप अपनी मेहनत की कमाई को सेव कर सकते हैं। एफडी पर आपको सेविंग अकाउंट की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है। अगर आप सेविंग अकाउंट और एफडी का लाभ पाना चाहते हैं तो हम आपको लिंक्ड एफडी के बारे में विस्तार से बताएंगे।
लिंक्ड एफडी क्या है
लिंक्ड एफडी आपके सेविंग अकाउंट को एफडी से लिंक करता है। इस स्वीप एफडी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें ग्राहक को ऑटो स्वीप-इन-स्वीप-आउट की सुविधा मिलती है। यहां आप अपने सेविंग अकाउंट से एक फिक्सड राशि को एफडी अकाउंट में जमाकर सकते हैं। एफडी पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट भी ऑटो स्वीप के दिन से शुरू हो जाता है।
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लिंक्ड एफडी कैसे काम करता है
लिंक्ड एफडी में आपको अपने सेविंग अकाउंट की एक निश्चित राशि को एफडी में ट्रांसफर करने का अवसर मिलता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपने एफडी ओपन की है तो आप लिंक्ड एफडी का लाभ उठा सकते हैं। इसमें आपको एक लिमिट तय करनी है। जैसे ही आपके सेविंग अकाउंट में उस सीमा से ज्यादा राशि आती है वैसे ही बाकी राशि ऑटोमैटिक आपके सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है।
उदाहरण के तौर पर आपने सेविंग अकाउंट की लिमिट 10,000 रखी है औरव आपके अकाउंट में 22,000 रुपये आते हैं तो सेविंग अकाउंट में केवल 10,000 रुपये रहेंगे और बाकी 12,000 रुपये की राशि एफडी में ट्रांसफर हो जाएंगे।
देश के कई बैंक अपने ग्राहक को लिंकिंग की सुविधा फ्री में देते हैं। वहीं कई बैंक इसके लिए चार्ज लेते हैं। ऐसे में आपको जरूर चेक करना चाहिए कि आपको कितना शुल्क का भुगतान करना होगा। कई बैंक स्वीप आउट की राशि तय करती है। अगर यह आपकी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है तो आप बाकी ऑप्शन को भी चेक कर सकते हैं। आप जब भी लिंक्ड एफडी का ऑप्शन सेलेक्ट करते हैं तो आपको एक बार उसके नियम व शर्तों को जरूर चेक करना चाहिए।