Saving Account में मिलेगा पहले से ज्यादा ब्याज, ये तरीका आजमाएं
जब आपको पैसों की जरूरत होती है या आपके खाते में पैसे कम हो जाते हैं तो फिक्स्ड डिपॉजिट से पैसे आपके खाते या हाथों में आसानी से आ जाते हैं।
By NiteshEdited By: Updated: Tue, 28 Jul 2020 07:27 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आपको बचत बैंक खाते से कितनी कमाई हो जाती है? वैसे तो बचत खात में पैसा इसलिए रखा जाता है क्योंकि ये मुसीबत के समय में काम आये या एक आदत भी होती है कि जो कुछ पैसा कमाने और खर्च करने के बाद बच रहा है उसे बचत खाते में डाल दिया जाए। लेकिन अगर आपके बचत खाते में पड़ा पैसा ज्यादा रिटर्न दे तो यह अच्छी बात होगी।
देश का प्रत्येक बैंक विशेष बचत खाता ऑटोमेटिक स्वीप-आउट सुविधा देता है, जहां सरप्लस फंड एक निश्चित जमा राशि में रखा जाता है। जिसके तहत ग्राहकों को ऑटोमेटिक स्वीप-आउट की सुविधा दी जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि एक खास सीमा से ज्यादा राशि सेविंग्स अकाउंट में आने के बाद वह राशि फिक्स्ड डिपॉजिट में बैंक की तरफ से ही डाल दी जाती है। और जब आपको पैसों की जरूरत होती है या आपके खाते में पैसे कम हो जाते हैं तो फिक्स्ड डिपॉजिट से पैसे आपके खाते या हाथों में आसानी से आ जाते हैं। यह भी पढ़ें: जानिए कब और कैसे करें अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल, आपके काम की हैं ये चार बातें
इस तरह आपका पैसा कभी भी आपके बैंक खाते में बेकार नहीं जाता है। लिंक्ड फिक्स्ड डिपॉज़िट क्रिएशन नियमित बचत बैंक ब्याज दर के मुकाबले ज्यादा ब्याज देता है। इस सुविधा की सबसे अहम बात यह है कि यह इसमें आपको अपने निष्क्रिय फंडों को नियमित रूप से ट्रैक करने की ज़रूरत नहीं है। इस सुविधा का लाभ उठाने के समय आपको एक बार बैंक को निर्देश देना होगा। आपको अपने खाते में सरप्लस फंड को बताने के के लिए सीमा तय करनी होगी। कुछ मामलों में बैंकों के पास 10,000 और 1 लाख तक के बीच कहीं भी एक निश्चित सीमा होती है।
एक बार जब आपका खाता शेष सीमा मिलता है तो बैंक सरप्लस फंड के लिए एफडी बनाते हैं। एफडी की अवधि एक वर्ष से पांच वर्ष के बीच हो सकती है। एफडी मैच्योर होने की स्थिति में बैंक द्वारा खुद रीन्यूवाल हो जाता है। इस सुविधा को अन्य बैंक खातों के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों आदि के लिए विशेष खातों के साथ जोड़ा जा सकता है।
स्वीप-आउट सुविधा देने वाले हर बैंक ने इसे अलग नाम दिया है। जैसे, एचडीएफसी बैंक ने इसे 'एचडीएफसी बैंक का मनीमैक्सिमाइज़' दिया है, एसबीआई ने इसे 'बचत प्लस खाता' नाम दिया है, बैंक ऑफ बड़ौदा ने इसे 'एज सेविंग अकाउंट' नाम दिया है।