सेविंग अकाउंट दो तरह के होते हैं। एक सिंगल सेविंग अकाउंट और दूसरा ज्वाइंट सेविंग अकाउंट (Joint Saving Account) । ज्वाइंट सेविंग अकाउंट में दो खाताधारक होते हैं और सिंगल अकाउंट में केवल एक खाताधारक होते हैं। कई मामलों में काफी ज्वाइंट सेविंग अकाउंट फायदेमंद माना जाता है तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। आज हम आपको बताएंगे कि ज्वाइंट सेविंग अकाउंट के फायदे और नुकसान क्या है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। बैंक अकाउंट आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है। सैलरी से लेकर सरकारी पैसे भी सेविंग अकाउंट (Saving Account) में आते हैं। वहीं बचत के लिए भी लोग सेविंग अकाउंट खोलते हैं।
देश के हर नागरिक के पास बैंक अकाउंट हो इसके लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनधन योजना (PM Jan Dhan Yojana) भी चलाई जा रही है।कोई भी व्यक्ति सिंगल अकाउंट के साथ ज्वाइंट बैंक अकाउंट (Joint Bank Account) भी ओपन कर सकता है। जवाइंट बैंक अकाउंट सिंगल सेविंग अकाउंट से थोड़ा अलग होता है।
आप चाहे तो माता-पिता या फिर पति-पत्नी के साथ मिलकर भी अकाउंट ओपन करवा सकते हैं। इसके अलावा बहन-भाई या फिर दोस्त के साथ भी यह अकाउंट ओपन किया जा सकता है।ज्वाइंट सेविंग अकाउंट में एक अकाउंट होल्डर की जगह दो अकाउंट होल्डर होते हैं। इसमें दो व्यक्ति मिलकर सेविंग कर सकते हैं। सरकारी स्कीम का लाभ पाने के लिए माइनर के लिए भी ज्वाइंट बैंक अकाउंट ओपन किया जाता है।
ज्वाइंट सेविंग अकाउंट के फायदे (Advantages of Joint Saving Account)
इसमें दोनों खाताधारकों के बीच सामान्य वित्तीय जिम्मेदारी होती है। उदाहरण के तौर पर अगर पति-पत्नी घर बनाने के लिए सेविंग कर रहे हैं तो ऐसे में इस गोल को हासिल करने के लिए दोनों ज्वाइंट अकाउंट में पैसे डिपॉजिट करते हैं। इस तरह उन दोनों एक साथ टीम की तरह मिलकर फाइनेंशियल गोल्स को पूरा करते हैं।इसके अलावा यह ज्यादा से ज्यादा सेविंग करने में भी मदद करता है। दरअसल, कई बार हम सेविंग अकाउंट में पैसे तो जमा करते हैं पर छोटी जरूरतों के लिए उसे निकाल लेते हैं।
वहीं ज्वाइंट सेविंग अकाउंट में दोनों खाताधारकों की मंजूरी के बाद ही राशि निकाली जा सकती है। कई बार ज्वाइंट सेविंग अकाउंट फाइनेंशियल डिसिप्लेन लाने और वित्तीय तौर पर मजबूत करने में भी मदद करता है।
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ज्वाइंट सेविंग अकाउंट के नुकसान (Disadvantages of Joint Saving Account)
ज्वाइंट सेविंग अकाउंट की खामियों की बात करें तो इसकी सबसे बड़ी खामी है मनी मैनेजमेंट। दरअसल, इसमें अकाउंट में तब पैसों की निकासी की जा सकती है जब दोनों अकाउंट होल्डर की मंजूरी हो। ऐसे में अगर किसी एक व्यक्ति को आपात स्थिति में पैसों की आवश्यकता होगी तो वह अकाउंट से पैसे नहीं निकाल पाएगा।
इसके अलावा दोनों खाताधारक में से किसी एक ने भी कोई लोन लिया है तो उसका भुगतान करने की जिम्मेदारी दोनों खाताधारकों की होगी। ऐसे में ज्वाइंट सेविंग अकाउंट ओपन करवाने से पहले उसके जोखिमों को समझना बहुत जरूरी है।आप जब यह अकाउंट ओपन करते हैं तो आपको दूसरे खाताधारकों की वित्तीय स्थिति का भी आकलन करना चाहिए। इस अकाउंट में दोनों खाताधारक का अधिकार होता है।ऐसे में अगर कोई एक व्यक्ति दूसरे की तुलना में ज्यादा सेविंग कर रहा है और भविष्य में किसी वजह से अकाउंट क्लोज किया जाता है तब पहले व्यक्ति को वित्तीय नुकसान भी होने की संभावना भी होती है।
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