Move to Jagran APP

Fixed Deposit चुनने से पहले इन बातों पर करें गौर, होगा ज्यादा फायदा

Best FD Scheme के लिए सिर्फ उच्च ब्याज दर का होना ही पर्याप्त नहीं है। ग्राहक को एफडी प्रोवाइडर की विश्वसनीयता की भी जांच करनी चाहिए।

By Pawan JayaswalEdited By: Pawan JayaswalUpdated: Tue, 26 May 2020 07:21 PM (IST)
Hero Image
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत में आज भी एफडी सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प समझा जाता है। देश में भारी संख्या में लोग रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों के लिए एफडी से प्राप्त ब्याज आय पर ही निर्भर हैं। अधिक रिटर्न और कम जोखिम वाला निवेश विकल्प होने के कारण लोग एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं। अगर आप अपने बडे़ वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए या इमरजेंसी फंड तैयार करने के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो एफडी एक बेहतर निवेश विकल्प है।

अगर आप अपने निवेश से बेहतर रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको बेहतर एफडी स्कीम में निवेश करने की जरूरत होती है। बेहतर स्कीम वह होती है, जो ग्राहक द्वारा चयनित समयावधि के लिए उसे सबसे अधिक ब्याज दर प्रदान करे। साथ ही वह सुरक्षित भी हो। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे, जिन्हें ध्यान में रखकर आप बेहतर एफडी स्कीम का चयन कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: इस राज्य में 1 जून से बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के  दाम, जानिए आपके शहर में क्या है आज कीमत

1. ब्याज दर

ग्राहक को एफडी करवाते समय बाजार में उपलब्ध भिन्न-भिन्न एफडी स्कीम की ब्याज दरों की तुलना अवश्य कर लेनी चाहिए। ग्राहक जिस समायवधि के लिए एफडी करवाना चाहता हों, उस समयावधि के लिए जो बैंक या संस्थान सबसे अधिक ब्याज दर दे, उसी बैंक की एफडी स्कीम ग्राहक के लिए बेहतर साबित हो सकती है।

2. अपने धन की सुरक्षा करें सुनिश्चित

बेहतर एफडी स्कीम के लिए सिर्फ उच्च ब्याज दर का होना ही पर्याप्त नहीं है। ग्राहक को एफडी प्रोवाइडर की विश्वसनीयता की भी जांच करनी चाहिए। 'A' रेटिंग वाली एफडी स्कीम को चुनना अच्छा होता है। CRISIL या ICRA जैसे संगठनों से अगर विश्वसनीय रेटिंग मिली हुई हो, तो वहां ग्राहक एफडी के लिए जा सकते हैं।

यह भी पढ़ें: एफडी पर ये बैंक अब भी दे रहे 7.35 फीसद ब्याज, हाथ से ना जाने दें यह मौका

3. ब्याज भुगतान विकल्प

एफडी में निवेश करने से पहले ग्राहक को जांच लेना चाहिए कि क्या कोई एफडी ब्याज भुगतान का विकल्प भी निवेशक को दे रही है। यहां यह भी देखना चाहिए कि ब्याज भुगतान का विकल्प मासिक है, त्रैमासिक है, अर्ध वार्षिक या फिर वार्षिक। इस जानकारी से ग्राहक अपने लिए बेहतर एफडी स्कीम का चुनाव कर पाएंगे।

4. अवधि

ग्राहक को एफडी स्कीम के लॉक-इन पीरियड के बारे में भी अच्छे से जानकारी ले लेनी चाहिए। ग्राहक का पैसा एफडी में जितने लंब समय तक रहेगा, उसे उतना ही ज्यादा रिटर्न प्राप्त होगा। इसलिए एक लंबे लॉक-इन पीरियड वाली एफडी में निवेश कर ग्राहक अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकता है।

5. पेनल्टी शुल्क

कई बार जरूरत पड़ने पर निवेशक को मैच्योरिटी से पहले ही एफडी तुड़वानी पड़ जाती है। इस स्थिति में ग्राहक पर पेनल्टी शुल्क लगता है। ग्राहक को निवेश करने से पहले विभिन्न एफडी स्कीम के पेनल्टी शुल्क के बारे में पता कर लेना चाहिए और जो अपने लिए बेहतर स्कीम का चुनाव करना चाहिए।