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EPF, PPF और GPF अकाउंट में क्या अंतर है, किसमें मिलता है क्या फायदा, जानिए ये काम की बात

सरकार सभी वर्गों का आर्थिक भविष्य सुरक्षित करने के लिए प्रोविडेंट फंड स्कीम्स चलाती है। ये तीन तरह के होते हैं- कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) सार्वजनिक भविष्‍य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंड फंड (GPF)। इन तीनों में कमाई का छोटा-सा हिस्सा जमा करना होता है। फिर वो बड़ी रकम के रूप में वापस मिलता है। आइए इन तीनों फंड के बारे में विस्तार से सबकुछ जानते हैं।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 05 Mar 2024 01:26 PM (IST)
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पीएफ स्कीम्स का मकसद लोगों का आर्थिक भविष्य सुरक्षित करना है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सरकार देश के सभी वर्गों का आर्थिक भविष्य सुरक्षित करना चाहती है। इसके लिए वह कई योजनाएं भी चलाती हैं। इनमें सबसे अहम हैं प्रोविडेंट फंड, जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में PF भी कहते हैं।

PF तीन तरह के होते हैं- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) और जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF)। बहुत से लोगों को इन तीनों फंड के बीच का अंतर करने में कंफ्यूजन होती है।

आइए हम आपको बताते हैं कि इन तीनों PF में क्या अंतर है, ये किनके लिए हैं और इनमें पैसे कैसे लगाए जाते हैं और ब्याज कितना मिलता है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि यह PF आम जनता के लिए है। नौकरीपेशा या कारोबारी शख्स समेत कोई भी भारतीय नागरिक इसका लाभ उठा सकता है। इस डाकघर या बैंकों में खुलवाया जा सकता है। इसमें सालाना कम से कम 500 और अधिकतम डेढ़ लाख रुपये जमा किया जा सकता है।

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PPF 15 साल में मैच्योर होता है। फिर इसे 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसमें चक्रवृद्धि ब्याज (Compound interest) मिलता है यानी आपकी ब्याज की रकम भी मूल निवेश में जुड़ जाती है और फिर उस पर भी सालाना ब्याज मिलता है। अभी इस पर सरकार 7.1 फीसदी ब्याज देती है।

इसमें सालाना डेढ़ लाख रुपये के निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट भी मिलती है।

एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF)

EPF प्राइवेट सेक्टर की 20 से अधिक वर्कर्स वाली कंपनी के कर्मचारियों के लिए हैं। इसमें कर्मचारी की सैलरी का एक तय हिस्सा जमा होता है और कंपनी भी उतना ही योगदान देती है। हालांकि, कंपनी के हिस्से की 3.67 फीसदी रकम ही EPF में आती है। बाकी 8.3 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है।

रिटायरमेंट के बाद PF की रकम कर्मचारियों को एकमुश्‍त मिल जाती है। वहीं EPF का पैसा पेंशन के तौर पर मिलता है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए EPF पर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत तय की गई है। यह कई सेविंग स्कीम्स के मुकाबले कहीं ज्यादा है।

जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF)

GPF सिर्फ सरकारी मुलाजिमों के लिए है। इसमें सरकार के लिए लगातार एक साल तक काम करने वाले अस्थायी और स्थायी कर्मचारियों का खाता खुलता है। GPF में कर्मचारियों को अपने वेतन का कम से कम 6 फीसदी योगदान करना होता है, बशर्ते वह सस्पेंड ना हो। फिर रिटायरमेंट के बाद उन्हें एकमुश्त रकम मिलती है।

इस अकाउंट का एक बड़ा लाभ यह भी है कि कर्मचारी जरूरत पड़ने पर GPF से तय रकम निकालकर बाद में जमा कर सकता है। इस पर कोई टैक्स भी नहीं लगता। फिलहाल GPF पर 7.1 फीसदी ब्‍याज मिल रहा है।

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