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Mutual Fund में निवेश करना कितना सही? कहीं डूब तो नहीं जाएगी आपकी जमा-पूंजी

Mutual Fund Sahi Hai अक्सर टीवी या फिर किसी और प्लेटफॉर्म पर हमने ये विज्ञापन देखा होगा। ऐसे में कई लोग इसमें निवेश करने की इच्छा रखते हैं पर जैसे ही उन्हें पता चलता है कि इसमें रिस्क है तो वह डर जाते हैं। कई लोगों ने म्यूचुअल फंड तो सुना है पर उसके बारे में नहीं जानते हैं। आइए म्यूचुअल फंड के बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Fri, 29 Mar 2024 05:00 PM (IST)
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Mutual Fund में निवेश करना कितना सही?
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। निवेश के लिए बाजार में कई ऑप्शन मौजूद हैं। इन ऑप्शन में से म्यूचुअल फंड काफी चर्चा में बना हुआ है। टीवी-मोबाइल नंबर या फिर सड़क पर भी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) से जुड़े विज्ञापन अक्सर देखने को मिलते हैं।

म्यूचुअल फंड भले ही इन्वेस्ट (Mutual Fund Investment) करने का एक पॉपुलर ऑप्शन बन गया है पर इसमें रिस्क है। ऐसे में कई लोग इसमें निवेश करने से पहले ही डर जाते हैं। वहीं, अभी भी कई लोग यह नहीं जानते हैं कि म्यूचुअल फंड क्या है? इसमें कैसे निवेश करें जिससे जोखिम का खतरा कम हो जाए।

म्यूचुअल फंड क्या है? (What is Mutual Fund?)

म्यूचुअल फंड भी एक तरह का फंड है। इसमें बहुत सारे लोग एक जगह पर पैसे जमा करते हैं। निवेशकों द्वारा लगाए जाने वाले पैसों को स्टॉक, बांड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट और अन्य प्रकार की इक्विटी में लगाया जाता है।

बता दें कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) म्यूचुअल फंड को मैनेज करती है।  एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के पास कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती है।

म्यूचुअल फंड में जो भी निवेश करता है उसे फंड के लाभ, हानि, आय आदि का हिस्सा मिलता है। आसान भाषा में समझे तो म्यूचुअल फंड एक लार्ज साइज का पिज्जा है और उसमें निवेश करना पिज्जा के छोटे टुकड़े खरीदने जैसा होता है।

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कितने तरह का होता है म्यूचुअल फंड (Types Of Mutual Fund)

म्यूचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं। म्यूचुअल फंड के प्रकार:

  • इक्विटी फंड्स (Equity Funds) में निवेश राशि का इस्तेमाल शेयर बाजार में किया जाता है।
  • डेट फंड्स (Debt Funds) में निवेशकों से लिए पैसों का इस्तेमाल ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के लिए किया जाता है।
  • बैलेंस या हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds) एक तरह से इक्विटी और डेट फंड का मिश्रण होता है। इसमें निवेशक रिस्क लिए बिना केवल लाभ के लिए निवेश करता है।
  • सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड्स (Solution-Oriented Funds) में किसी खास लक्ष्य के लिए निवेश किया जाता है। यह एक तरह से इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड का मिला-जुला रूप होता है।

कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश? (How to invest in Mutual Fund?)

  • म्यूचुअल फंड में निवेशक चाहें तो एकमुश्त पैसा लगा सकता हैं या फिर सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिये भी निवेश कर सकता है।
  • इसके अलावा म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट इन्वेस्ट भी किया जा सकता है यानि कि वेबसाइट या ऐप पर जाकर निवेश कर सकते हैं। इसमें फंड हाउस चार्ज कम देना होता है।
  • अगर निवेशक रेगुलर निवेश का ऑप्शन सेलेक्ट करचा है तो इसमें ज्यादा एक्सपेंस रेश्यो देना होता है। जिन निवेशक को ऑनलाइन निवेश के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है, उन्हें रेगुलर निवेश करना चाहिए।
  • आपको बता दें कि म्‍यूचुअल फंड में कई तरह के चार्ज का भुगतान करना होता है। दरअसल, यह फंड म्यूचुअल फंड शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) के नियम अंतर्गत आता है।
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म्यूचुअल फंड में कैसे होता है नुकसान

म्यूचुअल फंड में रिस्क है। इसमें निवेश राशि पर नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। हालांकि, कई एक्सपर्ट के अनुसार म्यूचुअल फंड की परफॉर्मेंस काफी अच्छी है, ऐसे में रिस्क की संभावना कम हो गई है।

दरअसल, म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट से कनेक्ट होता है। ऐसे में आपने किस फंड में निवेश किया है यह तय करता है कि आपको नुकसान होगा या नहीं। अगर अगर आपने इक्विटी फंड्स में निवेश किया है तो शेयर बाजार की चाल के अनुसार ही आपको लाभ या नुकसान होगा।

कई फंड में लॉक-इन पीरियड होता है। वैसे तो लॉक-इन पीरियड में निवेश राशि कती निकासी नहीं होती है पर कुछ खास स्थिति में निवेशक फंड से पैसे निकाल सकते हैं। ऐसे में अगर निवेशक लॉक-इन पीरियड में ही फंड से निकासी करता है तो उसे नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।