New NPS Rule: एनपीएस के नियमों में हुआ बदलाव, आपका भी है अकाउंट तो जानें क्या है नया रूल
PoP Charges are Changed पेंशन का लाभ पाने के लिए कई लोग नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश करते हैं। बता दें कि एनपीएस के नियमों में बदलाव हुआ है। दरअसल एनपीएस अकाउंट में लगने वाले पीओपी चार्ज के स्ट्रक्चर में बदलाव किया है। अगर आप भी एनपीएस में निवेश करते हैं तो यह आर्टिकल बहुत जरूरी है। चलिए जानते हैं कि पीओपी क्या होता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। रिटायरमेंट के बाद पेंशन (Pension) इनकम का अच्छा सोर्स होता है। वर्तमान में पेंशन का लाभ पाने के लिए कई स्कीम मौजूद है। इन स्कीम में एक नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) भी है। इसमें निवेश राशि के मैच्योर हो जाने के बाद निवेशक को पेंशन का लाभ मिलता है।
अगर आप भी एनपीएस में निवेश करते हैं यानि कि आपके पास एनपीएस अकाउंट (NPS Account) है तो बता दें कि आज से एनपीएस अकाउंट पर लगने वाले PoP चार्ज स्ट्रक्चर में बदलाव हुआ है।पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) जो कि एनपीएस को रेग्युलेट करती है उन्होंने प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (PoP) के चार्ज स्ट्रक्चर में बदलाव किया है। प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस चार्ज से जुड़े नियमों में हुए बदलाव को लेकर पीएफआरडीए ने सर्कुलर जारी किया है।
क्या होता है PoP
एनपीएस अकाउंट सुचारू रूप से चले इसकी जिम्मेदारी PoP की होती है। PoP की नियुक्ति पीएफआरडीए ही करता है। PoP एक तरह का नेटवर्क है। इस नेटवर्क के जरिये कस्टमर और एनपीएस आपस में कनेक्ट होते हैं। PoP अपनी सर्विस को देने के लिए फीस लेता है। PoP के चार्ज की कोई लिमिट नहीं होती है। हालांकि, अब इसके चार्ज की मिनिमम और मैक्सिमम लिमिट तय हो गई है।यह भी पढ़ें- LPG Price Cut: लोकसभा चुनाव के बीच राहत, घट गए कमर्शियल सिलेंडर के दाम; जारी हुई नई कीमतें