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पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर जबर्दस्‍त सपोर्ट, इन सरकारी कर्मचारियों को होगा फायदा

पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme OPS) की बहाली की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। कर्मचारी यूनियन के नेता सांसदों से इसे सपोर्ट करने को कह रहे हैं। कई सांसदों ने इस मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही है।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Sat, 19 Mar 2022 09:00 AM (IST)
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पुरानी पेंशन योजना की बहाली फिर से कराने की तैयारी है। (Pti)
नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme, OPS) की डिमांड करने वाले सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) के लिए अच्‍छी खबर है। पुरानी पेंशन पर अब तक 60 सांसदों का समर्थन मिल गया है। इस अभियान को इप्सेफ ने राष्ट्रव्यापी बना दिया है। Old Pension Scheme पर संगठन हर स्‍तर पर प्रसार कर रहा है। हालांकि सरकार ने संसद में यह ऐलान किया है कि नई पेंशन प्रणाली (NPS) को खत्म करने और पुरानी पेंशन प्रणाली को वापस करने का उसके पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

60 सांसदों ने इप्सेफ की मांग को समर्थन दिया

इंडियन पब्लिक सर्विसेज इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान में लगातार लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों का समर्थन मिल रहा है। अब तक 60 सांसदों ने इप्सेफ की मांग को समर्थन देने और संसद के दोनों सदनों में मुद्दा उठाए जाने पर सहमति जताई है। यह सभी सांसद गैर भाजपा दलों के हैं। 

अप्रैल 2005 के बाद भर्ती कर्मचारियों को भी मिले पुरानी पेंशन

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने बताया कि अप्रैल 2005 के बाद भर्ती सरकारी कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का फायदा दिलाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू की जानी चाहिए। कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए यह जरूरी है।

पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा

राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि पीएम से मुलाकात के लिए समय भी मांगा गया है। पुरानी पेंशन सहित कुछ मुद्दों का सर्वमान्य हल निकालने के लिए केंद्र सरकार से गुजारिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्‍यनाथ की नीतियों पर जनता ने मुहर लगाई है। ऐसे में आगे डबल इंजन सरकार में और तरक्की होगी इससे सभी उत्साहित हैं। कर्मचारियों को पूरा भरोसा है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।