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PPF vs Tax Free Bonds: रिटायरमेंट के लिए दोनों में से किसमें करें निवेश, जानें कहां होगा ज्यादा मुनाफा

हर इंसान अपने रिटायरमेंट के लिए ज्यादा पैसा सुरक्षित करना चाहता है ताकि जब वह रिटायर हो जाए तो कम से कम उसकी आर्थिक स्थिति ठीक रहे। ऐसे में लोग टैक्स फ्री चीजों की तरफ आसानी से आकर्षित होते हैं। यही विकल्प आपको PPF और टैक्स फ्री बॉन्ड देते हैं।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 03 May 2023 01:08 PM (IST)
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Read before putting money where will be more profit
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: निवेश और जोखिम एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जहां निवेश होगा वहां जोखिम होगा ही। लेकिन उसके बाद भी लोग निवेश करने से नहीं कतराते, क्योंकि कहीं न कहीं उन्हें बेहतर रिटर्न की उम्मीद होती हैं। ज्यादातर निवेशक यही चाहते हैं कि ज्यादा मुनाफा तो हो लेकिन टैक्स ना देना पड़े।

ऐसे में टैक्स फ्री बॉन्ड और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), निवेश के दो उदाहरण हैं जिन्हें टैक्स बचतकर्ताओं के लिए कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है। PPF को सुरक्षित निवेश इसलिए माना जाता है क्योंकि यह सरकार द्वारा समर्थित है। दूसरी ओर टैक्स फ्री बॉन्ड वो होते हैं जो सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा जारी किए जाते हैं और जिनकी क्रेडिट रेटिंग उत्कृष्ट होती है।

टैक्स में कैसे मिलेगी छूट ?

जैसा की नाम से पता चल रहा है, टैक्स फ्री बॉन्ड इनकम टैक्स से मुक्त होते हैं। हालांकि, पीपीएफ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट प्रदान करता है, और यहां तक ​​कि पीपीएफ पर प्राप्त ब्याज भी कर-मुक्त होता है।

पीपीएफ की परिपक्वता अवधि 15 साल की होती है, टैक्स फ्री बॉन्ड का आमतौर पर 10, 15 या 20 साल का कार्यकाल होता है। ऐसे में आपके रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए टैक्स फ्री बॉन्ड सही है या फिर पीपीएफ, आइए जानते हैं।

किसमें करें निवेश ?

यदि आप रिटायरमेंट के लिए बचत कर रहे हैं, जिसका अर्थ है कि इस निवेश राशि को अन्यथा नहीं छुआ जाएगा, तो पीपीएफ आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।

पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश धारा 80सी के तहत कर-मुक्त है। प्रस्ताव पर 7.1 प्रतिशत ब्याज भी आकर्षक है क्योंकि यह कर-मुक्त है। चूंकि पीपीएफ सरकार द्वारा समर्थित है इसलिए इसमें कोई क्रेडिट जोखिम भी नहीं है।

लेकिन अगर आप बड़ी रकम निवेश करने की सोच रहे हैं तो फिर आपके लिए टैक्स फ्री बॉन्ड अच्छा ऑप्शन है। ये बॉन्ड सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे एनएचएआई, आईआरएफसी, एनएचबी, आदि द्वारा जारी किए जाते हैं और आमतौर पर एएए रेटेड होते हैं, इसलिए इसमें क्रेडिट जोखिम न्यूनतम होता है।

हालांकि बॉन्ड पर औसत यील्ड ज्यादातर 5.5 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत के बीच रहती है, इनमें से कुछ टैक्स फ्री बॉन्ड निवेशकों को हाई रेट भी दे सकते हैं। दूसरा फायदा यह है कि यह बॉन्ड स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होते हैं, इसलिए लिक्विडिटी आवश्यकताओं के मामले में आप आसानी से इसमें से बाहर निकल सकते हैं।

ऐसे में आप अपने रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए पीपीएफ और टैक्स फ्री बॉन्ड में निवेश करने से पहले अपनी जरूरतों और पैसों के बारे में सोच कर ही निवेश करें।