Senior Citizen Savings Scheme में निवेश करने का बना रहे हैं प्लान, पहले जान लें इसके ये पांच नुकसान
Senior Citizen Savings Scheme (SCSS) सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में निवेश करने पर आपको अन्य Post Office की स्कीमों के मुकाबले अधिक ब्याज मिलता है। इसके नुकसान भी हैं आइए जानते हैं विस्तार से... (फोटो - जागरण फाइल)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)) डाकघर की एक लोकप्रिय स्कीम है। इस स्कीम को खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है और 60 वर्ष से अधिक के व्यक्ति ही इसमें निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश करने के काफी सारे फायदे हैं, लेकिन कुछ नुकसान भी हैं, जिन्हें हमें निवेश करने से पहले जान लेना चाहिए।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर ब्याज दर
सरकार की ओर से अप्रैल-जून के लिए तय की गई ब्याज दर के मुताबिक, बैंक और पोस्ट ऑफिस एससीएसएस पर 8.2 प्रतिशत की ब्याज दे रहे हैं। एक बार निवेश करने पर मैच्योरिटी तक ब्याज दर समान बनी रहती है।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम निवेश सीमा
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में निवेश सीमा के साथ आता है। इसमें एक सीमा से ज्यादा निवेश नहीं किया जा सकता है। बजट 2023 में इसकी निवेश सीमा को 30 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है, जो कि पहले 15 लाख रुपये थी
SCSS की ब्याज पर TDS
अगर एक वित्त वर्ष के दौरान SCSS पर मिलने वाली ब्याज 50,000 रुपये से अधिक होती है, तो आपको टीडीएस का भुगतान करना होता है।
ब्याज पर ब्याज का फायदा
SCSS में हर तिमाही पर निवेशकों को ब्याज दी जाती है। इस ब्याज को निवेशकों हर तिमाही में क्लेम करना होता है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो ब्याज की राशि पर किसी प्रकार की ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है।
आयु सीमा और लॉक-इन पीरियड
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में केवल 60 वर्ष या उससे अधिक के लोग ही निवेश कर सकते हैं। इसमें पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इसके पूरा होने के बाद आप अगले तीन सालों के लिए इसके मैच्योरिटी को बढ़ा सकते हैं।