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Long Term Investment पर मिलता है अच्छा रिटर्न, निवेश से पहले पढ़ लें ये टिप्स

smart tips for successful long term investing जब आप लंबी अवधि के लिए निवेश जारी रखते हैं तो सुनिश्चित करें कि आप कम से कम 6 महीने के अपने अनिवार्य मासिक खर्चों को पूरा करने के लिए एक इमरजेंसी फंड तैयार हो।

By NiteshEdited By: Updated: Wed, 14 Oct 2020 01:57 PM (IST)
smart tips for successful long term investing
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। लंबी अवधि के निवेश के लिए जिन रणनीतियों का पालन किया गया है, वे अल्पकालिक निवेश से अलग होते हैं। लंबी अवधि के निवेश में संयम की जरूरत होती है, क्योंकि इसमें गलती हो गई है तो उसे सुधारने का मौका भी रहता है। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना होगा। ये टिप्स आपके काम आएंगे।

जल्दी निवेश शुरू करें: सबसे पहले तो जल्दी निवेश करना शुरू करें। कंपाउंडिंग की वजह से आपके निवेश से प्राप्त लाभ अपने आप ही रिटर्न उत्पन्न करना शुरू कर देगा, जिससे लंबे समय के निवेश के योगदान के साथ ज्यादा धन जुटाने में मदद मिलेगी। 26 वर्ष के कोई व्यक्ति को 12 फीसद की वार्षिक रिटर्न मानते हुए 60 वर्ष की आयु तक 60 करोड़ के रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने के लिए 3,500 रुपये के मासिक एसआईपी योगदान की आवश्यकता होगी। 

इक्विटी फंड में निवेश करें: वित्तीय लक्ष्य को पाने के लिए इक्विटी बेहतर निवेश विकल्प है। इक्विटी से लाभ के लिए खुदरा निवेशकों के लिए सबसे अच्छा साधन इक्विटी फंड में निवेश करना है। इक्विटी फंड अपने निवेशकों को बहुत कम लागत पर पेशेवर फंड प्रबंधन, पर्याप्त विविधीकरण और निवेश सुविधा के प्रमुख लाभ देता है। 

एसआईपी के जरिये निवेश: इक्विटी फंडों में निवेश करते समय निवेशकों को अपने निवेश को एक बेहतर दिशा देने के लिए एसआईपी के जरिये निवेश करना चाहिए। एसआईपी के जरिये नियमित निवेश सुनिश्चित करने में मदद मिलती है, बाजार में सुधार के दौरान उनके निवेश का औसत और निवेशकों के बीच वित्तीय अनुशासन स्थापित होता। 

इमरजेंसी फंड से समझौता न करें: जब आप लंबी अवधि के लिए निवेश जारी रखते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप कम से कम 6 महीने के अपने अनिवार्य मासिक खर्चों को पूरा करने के लिए एक इमरजेंसी फंड तैयार हो। इन अनिवार्य खर्चों में आपके दैनिक जीवन का खर्च, उपयोगिता बिल, बीमा प्रीमियम, आपके बच्चों की ट्यूशन फीस, ईएमआई, किराया, आपके महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों में योगदान आदि शामिल होना चाहिए। पर्याप्त आपातकालीन निधि के बिना किसी भी अप्रत्याशित वित्तीय आपात स्थिति जैसे हानि या विकलांगता के कारण आपको आगे चलकर दिक्कत हो जाएगी और आप वित्तीय लक्ष्य से चूक सकते हैं।