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Bank FD से कमाना चाहते हैं बंपर मुनाफा, Laddering Strategy करेगी आपकी मदद

FD Laddering Strategy रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंक एफडी पर आकर्षक ब्याज ऑफर कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में हम एक ऐसी स्ट्रेटेजी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप एफडी रिटर्न को बढ़ा सकते हैं। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 30 Apr 2023 10:26 AM (IST)
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What is FD Laddering Strategy for bank Fixed Deposit

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत में बैंक एफडी (Bank FD) निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प है। अगर आप ऐसे निवेशक हैं जो बिल्कुल भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो एफडी निवेश का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। मौजूदा समय में आरबीआई की ओर से रेपो रेट बढ़ाने के बाद एफडी पर ब्याज बढ़कर औसत सात प्रतिशत हो गया है, जो कि एक साल पहले करीब पांच प्रतिशत था।

अप्रैल की शुरुआत में जारी मॉनेटरी पॉलिसी में केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट को नहीं बढ़ाया गया है। इसके बाद आंशका जताई जा रही है कि एफडी की ब्याज दरों में बढ़ोतरी अब थम या फिर रफ्तार धीमी हो सकती है।

आज हम अपनी इस रिपोर्ट में एफडी से जुड़ी एक ऐसी स्ट्रेटेजी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपने रिटर्न को बढ़ा सकते हैं। इसे लैडरिंग स्ट्रेटेजी कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में ...

क्या है FD Laddering Strategy?

एफडी लैडरिंग एक स्ट्रेटेजी है। इसमें आप एफडी में किए जाने वाले निवेश को छोटे-छोटे भागों में बांटते हैं और अलग-अलग अवधि और ब्याज दर पर एफडी कराते हैं। इसका फायदा यह होता है कि इससे आपको लिक्विडिटी के साथ -साथ भविष्य में अधिक ब्याज दर पर निवेश करने का फायदा मिलता है।

FD Laddering Strategy के फायदे

पोर्टफोलियो में भिन्नता- एफडी लैडरिंग बड़ा फायदा यह है कि इसके जरिए आप अपने पोर्टफोलियो में आसानी से भिन्नता ला पाते हैं और आपको ब्याज दर में उतार-चढ़ाव होने का पूरा फायदा मिलता है।

लिक्विडिटी- एफडी लैडरिंग स्ट्रेटेजी से निवेशक के एफडी में निवेश करने के बावजूद छोटी-छोटी एफडी के चलते लिक्विडिटी बनी रहती है।

अधिक रिटर्न- इस स्ट्रेटेजी से निवेश करने पर ब्याज दर बढ़ने का फायदा आपको मिलता है।

लचीलापन- बैंक एफडी में निवेश करने की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि जरूरत पड़ने पर आपको पूरी एफडी तोड़नी पड़ती है और बैंक इस पर जुर्माना वसूलता है। वहीं, छोटी-छोटी एफडी होने के कारण आप जरूरत के मुताबिक फिस्क्ड डिपॉजिट तुड़वा सकते हैं और आप पर जुर्माना भी कम लगता है।