EPF Account Merge Process : नौकरी बदलने से कई EPF अकाउंट हो गए हैं? जानिए सभी को मर्ज करने का आसान तरीका
अगर आप प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं और आपने कई नौकरियां बदली हैं तो इससे आपके कई EPF अकाउंट भी हो गए होंगे। कई अकाउंट होने से कंन्फ्यूजन होती है। आइए जानते हैं कि EPF अकाउंट को मर्ज करने का सबसे आसान प्रोसेस क्या है और इसे मर्ज नहीं करने की स्थिति में आपको क्या नुकसान हो सकता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर में जॉब बदलना आम बात है। कभी बॉस से पटरी नहीं बैठती, तो कई बार अच्छी संभावनाओं के लिए लोग नौकरी बदल लेते हैं। लेकिन, नौकरी बदलने के बाद जब आप दूसरी कंपनी में जाते हैं, तो वहां आपका नया EPF (Employees Provident Fund) अकाउंट खुल जाता है।
इससे कई बार लोगों को कंफ्यूजन हो जाती है कि जब पिछली कंपनी में EPF अकाउंट था, तो नया क्यों खुला? अब पिछले EPF अकाउंट का क्या होगा? दोनों अकाउंट को मर्ज किया जा सकता है या नहीं? आइए इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं।
नया EPF अकाउंट क्यों खुलता है?
आप जब भी 20 या इससे अधिक कर्मचारियों वाली प्राइवेट कंपनी में काम करना शुरू करते हैं, तो कंपनी को आपका EPF अकाउंट खुलवाना होता है। इसमें कर्मचारी के आर्थिक भविष्य के लिए कर्मचारी और कंपनी, दोनों बराबर योगदान करते हैं।पहली बार EPF अकाउंट खुलने पर आपको एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) से एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) मिलता है। आप जब भी नौकरी बदलते हैं, तो कंपनी आपका नया EPF अकाउंट खोल देती है, लेकिन UAN वही रहता है।
यही वजह है कि एक UAN के अंतर्गत कई EPF अकाउंट हो जाते हैं। आपका PF बैलेंस भी अलग-अलग दिखता है। जब तक आप अपने सभी अकाउंट को मर्ज नहीं करेंगे, यह अलग-अलग ही दिखेगा।