31 मार्च से पहले कर रहे हैं ITR फाइल? रखें इन बातों का ख्याल
अगले महीने की 31 तारीख से पहले फाइल कर लें आईटीआर नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आपने अबतक आकलन वर्ष 2016-17 और 2017-18 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग नहीं की है तो जल्द ही कर लें। क्योंकि ऐसा करने के लिए आपके पास बेहद कम समय रह गया है। आयकर विभाग ने करदाताओं को विलंबित या संशोधित आईटीआर 31 मार्च 2018 से पहले फाइल करने के लिए कहा है। विभाग ने करदाताओं को चेताया है कि ऐसा न करने पर उन्हें जुर्माना या कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि रिटर्न फाइल करने दौरान करदाताओं को थोड़ी सावधानी बरती चाहिए, खासकर कि अपनी आय का विवरण देते समय, नहीं तो आईटी विभाग की ओर से पकड़े जाने पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। इसलिए जुर्माने से बचने के लिए आईटीआर फाइल करते समय इन बातों का रखें ख्याल-
1. अगर आपने देश में नोटबंदी (8 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016) के दौरान दो लाख रुपये से ज्यादा नकदी अपने बैंक खाते में जमा की है जिसमें लोन भी शामिल है तो इसका विवरण रिटर्न में जरूर दें।
2. अगर नोटबंदी के दौरान जमा की गई राशि अघोषित आय है तो महत्वपूर्ण है कि उस वर्ष के लिए अपनी कर योग्य आय इसमें जोड़ें और इसका उल्लेख उस वर्ष की रिटर्न में करें जिसके लिए कर का भुगतान करना है। साथ ही जरूरी होने पर आकलन वर्ष 2015-16 और 2016-17 के लिए अपनी रिटर्न में संशोधन भी किया जा सकता है।
3. हालांकि जो लोग वर्ष या आय के स्त्रोत का विवरण देने असमर्थ हैं उन्हें अपनी आय के 60 फीसद के साथ ब्याज व जुर्माने के साथ टैक्स देना होगा।
4. जिन करादाताओं ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का चयन नहीं किया है और अपने कालेधन का विवरण इनकम टैक्स रिटर्न में दिया है तो उसे कुल टैक्स के साथ 77.25 फीसद का जुर्माना भी देना होगा। हालांकि, अगर आप सही तरीके से अपने कालेधन का खुलासा नहीं करते और बाद में पकड़े जाते हैं तो आपको अपनी अघोषित आय का 83.25 फीसद हिस्सा टैक्स और जुर्माने के रूप में देना पड़ेगा। छापेमारी की स्थिति में आपको 107.25 या 137.25 फीसद टैक्स या पेनल्टी देनी पड़ सकती है।
5. इसके अलावा सुनिश्चित कर लें रिटर्न फाइल करते समय आपने फॉर्म 26ए को सही तरह से भरा हो ताकि आप पहले से रिपोर्ट की गई इनकम भूल न जाएं।
6. अपनी रिटर्न को वेरिफाई या ई वेरिफाई कराना न भूलें। अगर आप इसे निर्धारित समय में वेरिफाई नहीं कराते हैं तो रिटर्न अवैध मानी जाती है और इससे आपको मिलने वाले रिफंड की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। समय रहते रिटर्न फाइल न करने के कारण ब्याज और जुर्माना दोनों भरना पड़ सकता है।
7. अगर आपको कोई सैलरी या पेंशन एरियर मिला है तो सेक्शन 89(1) के तहत टैक्स क्लेम कर सकते हैं, लेकिन इसे क्लेम करने के लिए फॉर्म 10ई जरूर भरना पड़ेगा। अगर आप यह फॉर्म भरना भूल जाते हैं तो आपका क्लेम आयकर विभाग की ओर से मंजूर नहीं किया जाएगा।