Emergency Fund: अचानक से पड़ सकती है पैसों की जरूरत, क्या आपने तैयार किया है इमरजेंसी फंड?
कई बार हमारे सामने अचानक से बेहद मुश्किल हालात आ जाते हैं जैसे कि नौकरी छूट जाना या फिर लंबे वक्त के लिए तबीयत खराब होना। ऐसी परिस्थितियों में जरूरत पड़ती है इमरजेंसी फंड की जिससे हालात वापस पटरी पर आने तक हमारे घर का खर्च चल सके। आइए जानते हैं कि इमरजेंसी फंड क्या होता है और इसे कैसे तैयार किया जाता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। मुकुल गुड़गांव की एक टेक कंपनी में जॉब करते थे। कुछ समय पहले छंटनी में उनकी नौकरी चली गई। मुकुल ने ऐसे हालात से निपटने के लिए कोई आर्थिक तैयारी नहीं की थी। लिहाजा, उनके पास मकान का रेंट देने और जरूरी बिल देने के भी पैसे नहीं थे। वह EMI भरने से भी चूक गए।
मुकुल उन चार में से तीन भारतीयों में शामिल हैं, जिन्होंने अचानक से आने वाले खर्चों के लिए बचत नहीं की है। यहां तक कि अमेरिका जैसे विकसित देश में भी महज 44 फीसदी नौकरीपेशा लोगों ने ही मुश्किल हालात से निपटने के लिए इमरजेंसी फंड बनाने पर ध्यान दिया है। लेकिन, मुकुल की परेशानी से आपको अंदाजा हो गया होगा कि इमरजेंसी फंड बनाना कितना जरूरी है।
आइए हम आपको बताते हैं कि आप इमजरेंसी फंड कैसे बना सकते हैं और यह आपकी कमाई का कितना होना चाहिए।
इमरजेंसी फंड क्यों बनाना चाहिए?
इमरजेंसी फंड के बहुत से फायदे हैं। अगर आपको अचानक से पैसों की जरूरत पड़ती है, तो किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। आप पर कर्ज का कोई बोझ नहीं पड़ेगा। वहीं, अगर आपके पास इमरजेंसी फंड नहीं होगा, तो आपको ना चाहते हुए भी कर्ज लेना पड़ेगा। इस सूरत में आप ना तो पैसे बचा पाएंगे और ना ही निवेश कर पाएंगे।
कितना होना चाहिए इमरजेंसी फंड?
आपको सबसे पहले हिसाब लगाना होगा कि आपका मासिक खर्च कितना है। इसमें किराया, राशन और दवाओं के साथ अन्य जरूरी खर्चों को भी जोड़ना चाहिए। अगर EMI जैसे मासिक किश्त भी चल रही है, तो उसे भी हिसाब में जोड़ लीजिए। फिर इसमें 12 से गुणा करिए और यह होगी आपकी इमरजेंसी फंड वाली रकम।मिसाल के लिए, आपका कुल मासिक खर्च 50 हजार रुपये है, तो आपका इमरजेंसी फंड कम से कम 6 लाख रुपये का होना चाहिए। जब यह इमरजेंसी फंड तैयार हो जाए, तभी दूसरी चीजों में पैसे खर्च करें।