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Gautam Adani: अदाणी समूह के साथ एंकर इन्वेस्टर के रिश्तों की जांच करेगी सेबी, जानें पूरा मामला?

एमएससीआई (मार्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल) ने अदाणी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी इंटरप्राइजेज सहित अदाणी टोटल गैस और अदाणी ट्रांसमिशन का वेटेज घटाने का ऐलान किया है। इंडेक्स फर्म ने सीमेंट कंपनी एसीसी का भी वेटेज घटाने की बात कही है।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 10 Feb 2023 07:46 PM (IST)
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Gautam Adani: अदाणी समूह के साथ एंकर इन्वेस्टर के रिश्तों की जांच करेगी सेबी

नई दिल्ली, रायटर्स। बाजार नियामक सेबी अदाणी समूह के साथ उन निवेशकों के रिश्तों की जांच कर रही है, जिन्होंने ग्रुप के 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ में निवेश किया था। अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा समूह पर कंपनियों के शेयरों में धोखाधड़ी का आरोप लगाए जाने के बाद किसी सरकारी नियामक द्वारा इस तरह की जांच करने की बात पहली बार सामने आई है। जांच के दौरान सेबी इस बात का पता लगा रही है कि कहीं शेयर बिक्री के दौरान नियमों का उल्लंघन तो नहीं हुआ।

नाम नहीं छापने की शर्त पर इस घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने बताया कि सेबी अदाणी समूह और मारीशस स्थित ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड और आयुष्मत लिमिटेड के बीच संबंधों की जांच कर रही है। इन दोनों कंपनियों ने एंकर इन्वेस्टर के तौर पर एफपीओ में हिस्सा लिया था। मौजूदा नियमों के तहत कंपनी के संस्थापक या संस्थापक समूह से जुड़ी कोई भी संस्था एंकर इन्वेस्टर के तहत आवेदन नहीं कर सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, जांच का फोकस इस बात पर है कि क्या एंकर इन्वेस्टर संस्थापक समूह से जुड़े हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी को आई थी और तब से लेकर अब तक अदाणी समूह की कंपनियों का मार्केट कैप 100 अरब डालर कम हो चुका है। जांच के संबंध में जब सेबी और अदाणी समूह से प्रतिक्रिया मांगी गई तो दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया।

एलारा कैपिटल और मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल भी जांच के दायरे में

सेबी की जांच के दायरे में एलारा कैपिटल और मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल भी हैं। ये दोनों कंपनियां उन 10 इन्वेस्टमेंट बैंकों में शामिल थीं, जिन्होंने एफपीओ की पूरी प्रक्रिया को प्रबंधित किया था। बताया जाता है कि इन दोनों कंपनियों से सेबी ने पिछले सप्ताह संपर्क किया था। हिंडनबर्ग का आरोप है कि अदाणी की मोनार्क में थोड़ी मात्रा में हिस्सेदारी है और यह कंपनी पहले समूह के लिए बुक रनर के तौर पर काम कर चुकी है।

हिंडनबर्ग ने यह भी आरोप लगाया था कि एलारा कैपिटल के एक मारीशस स्थित फंड ने अदाणी समूह की तीन कंपनियों में निवेश किया है। आरोपों के संबंध में मोनार्क ने तीन फरवरी को शेयर बाजार को दी गई सूचना का हवाला देते हुए कहा कि अदाणी समूह के पास वर्ष, 2016 से 0.03 हिस्सेदारी है।

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मूडीज ने चार कंपनियों का रेटिंग आउटलुक घटाया

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने अदाणी समूह की चार कंपनियों के रेटिंग आउटलुक को घटाकर स्थिर से नकारात्मक कर दिया है। जिन कंपनियों का रेटिंग आउटलुक कम किया गया है, अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, अदाणी ग्रीन एनर्जी रेस्ट्रिक्टेड ग्रुप, अदाणी ट्रांसमिशन स्टेप-वन लिमिटेड और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड है।

अदाणी इंटरप्राइजेज सहित तीन कंपनियों का वेटेज घटाएगी

एमएससीआई (मार्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल) ने अदाणी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी इंटरप्राइजेज सहित अदाणी टोटल गैस और अदाणी ट्रांसमिशन का वेटेज घटाने का ऐलान किया है। इंडेक्स फर्म ने सीमेंट कंपनी एसीसी का भी वेटेज घटाने की बात कही है, लेकिन यह समूह की सात सूचीबद्ध कंपनियों में शामिल नहीं है। एमएससीआई ने समूह के शेयरों के फ्री-फ्लोट स्टेटस की समीक्षा करने का ऐलान किया है।

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अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद यह फैसला लिया गया है। फ्री-फ्लोटिंग वाले शेयर उन्हें कहा जाता है जो ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते हैं। एमएससीआई उन शेयरों को फ्री-फ्लोट मानता है जो विदेशी निवेशकों के खरीदने के लिए बाजार में रखे जाते हैं। अदाणी समूह की सात कंपनियां एमएससीआई इंडेक्स में शामिल हैं। एनडीटीवी और अदाणी विल्मर इसका हिस्सा नहीं हैं।

हिंडनबर्ग ने कहा, कंपनी पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया गया

हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने कहा है कि ना तो उनकी कंपनी पर कभी प्रतिबंध लगाया गया है और ना ही उनके बैंक खातों को कभी सीज किया गया है। इतना ही नहीं उनकी कंपनी के खिलाफ किसी तरह की जांच भी नहीं चल रही है। दरअसल, एंडरसन का यह बयान इंटरनेट मीडिया पर चल रही उन खबरों के जवाब में आया है, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका में हिंडनबर्ग के खिलाफ तीन बार आपराधिक जांच की गई और कुछ समय के लिए उसे प्रतिबंधित कर दिया गया था।

इतना ही नहीं इस तरह के आरोप भी मीडिया में चल रहे हैं कि फाइनेंशियल इंडस्ट्रीज रेगुलेटरी अथारिटी ने इसके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था और इसे न्यूयार्क स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध् कंपनियों पर कोई भी रिपोर्ट जारी करने से रोक दिया था।

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अदाणी समूह ने अमेरिकी ला फर्म को हायर किया

हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों से जूझ रहे अदाणी समूह ने अमेरिका स्थित ला फर्म वाचटेल को हायर किया है। न्यूयार्क स्थित ला फर्म कॉरपोरेट कानून से जुड़े मामलों से निपटने में माहिर है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, संकट से निपटने के तरीके पर सलाह देने के लिए वाचटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज के वकीलों से संपर्क साधा है।

कौन होते हैं एंकर इन्वेस्टर?

एंकर इन्वेस्टर योग्य संस्थागत निवेशक होते हैं। एंकर इन्वेस्टर किसी भी आईपीओ के शुरुआती निवेशक होते हैं। आमतौर पर एंकर इन्वेस्टर को किसी भी आईपीओ में कम से कम 10 करोड़ रुपये निवेश करना होता है। एंकर इन्वेस्टर अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं, इसमें म्यूचुअल फंड, विदेशी संस्थागत निवेशक, बैंक और जीवन बीमा शामिल हैं।