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    शेयर बाजार में हाहाकार ! खुलते ही 15 मिनट में निवेशकों को लगी ₹5 लाख करोड़ की चपत, Trump Tariff का तगड़ा असर

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 10:13 AM (IST)

    गुरुवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट (Share Market Crash) आई है। इसका सबसे बड़ा कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाया गया 25 फीसदी टैरिफ है जिससे कई सेक्टर प्रभावित होंगे। आज की गिरावट से शुरुआती कुछ ही मिनटों में निवेशकों के 5 लाख करोड़ रु से अधिक डूब गए।

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    शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों के डूबे लाखों करोड़

    नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% टैरिफ (US Tariff on India) और पेनल्टी लगाने की धमकी (Trump Tariff Impact) के बाद गुरुवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट (Share Market Crash) दर्ज की गई। इसका नतीजा ये हुआ कि सेंसेक्स करीब 10 बजे 542.66 पॉइंट्स या 0.67 फीसदी की गिरावट के साथ 80,939.20 पर है।

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    सुबह 9:20 बजे तक, बीएसई सेंसेक्स की गिरावट 604 अंक या 0.74% की थी, जिसका मतलब है कि बीएसई में लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटल 5.5 लाख करोड़ रुपये घटकर 453.35 लाख करोड़ रुपये रह गई। ये निवेशकों की संपत्ति में आई गिरावट है।

    ये भी पढ़ें - Stocks in News: US टैरिफ की घोषणा के बीच कौन से शेयरों पर रखें नजर? HUL, मारुति और टाटा स्टील में दिख सकती है हलचल

    किन सेक्टरों में आई ज्यादा गिरावट

    सेक्टोरल मोर्चे पर, निफ्टी ऑटो 1% लुढ़क गया, जबकि बैंकिंग, धातु, फार्मा और रियल्टी सूचकांक भी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। हालांकि शेयर बाजार में आज आई गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। इनमें ट्रम्प टैरिफ के अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार पाँचवीं बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का फैसला भी शामिल है।

    इससे भी बड़ी बात ये है कि फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों ने सितंबर में ब्याज दरों में कटौती को लेकर अनिश्चितता का संकेत दिया, और कहा कि यह फैसला लेना अभी जल्दबाजी होगी।

    क्रूड ऑयल भी हो गया महंगा

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से रूस-यूक्रेन संघर्ष से जुड़ी टैरिफ धमकियों के बीच सप्लाई बाधित होने के जोखिम को देखते हुए गुरुवार को तेल की कीमतों में स्थिरता देखी गई। हालाँकि, अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अचानक वृद्धि ने इस बढ़त को सीमित कर दिया।

    ब्रेंट क्रूड 73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहा, जबकि डब्ल्यूटीआई 70 डॉलर से थोड़ा नीचे कारोबार कर रहा था। पिछले सत्र में दोनों बेंचमार्क 1% बढ़े थे, लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव और मिले-जुले इन्वेंट्री आंकड़ों ने ट्रेडर्स को सतर्क रखा।

    "शेयर से जुड़े अपने सवाल आप हमें business@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं।"

    (डिस्क्लेमर : यहां शेयर बाजार पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की कोई सलाह नहीं दे रहा है। ध्यान रहे कि स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)