ब्लूमबर्ग द्वारा राजस्व वृद्धि के लक्ष्य को आधा करने के आरोपों के बाद अदाणी समूह ने ई-मेल के अपना पक्ष जरिये रखा है। समूह के प्रवक्ता ने कहा है कि बाजार स्थिर होने के बाद प्रत्येक कंपनी अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेगी।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Mon, 13 Feb 2023 09:00 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। अदाणी समूह ने निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि उसकी परियोजनाओं के पास ना तो किसी तरह के फंड की कमी है और ना ही नकदी की किल्लत है। ऐसे में उसे पूरा विश्वास है कि भविष्य में भी शेयरधारकों को आकर्षक रिटर्न मिलता रहेगा।
दरअसल, समूह की तरफ से यह बयान ब्लूमबर्ग की उस रिपोर्ट के बाद सामने आया है, जिसमें उसने कहा था कि ग्रुप ने अपने राजस्व वृद्धि के लक्ष्य को आधा कर दिया है और पूंजीगत व्यय को कम करने की योजना बनाई है।
शुरुआत में समूह ने इस रिपोर्ट को आधारहीन बताया था, लेकिन बाद में इस संबंध में एक विस्तृत बयान जारी किया। ई-मेल द्वारा जारी बयान में समूह के प्रवक्ता ने कहा, ''हमें पूरा विश्वास है कि हमारी कंपनी शेयरधारकों को भविष्य में भी बेहतर रिटर्न देंगे। एक बार बाजार स्थिर होने के बाद समूह में शामिल प्रत्येक कंपनी अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेगी।''
सेबी कर रहा जांच
बता दें कि सेबी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की जांच कर रहा है। साथ ही ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी इंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ के एफपीओ में एंकर इन्वेस्टर की समूह के संस्थापकों के रिश्तों की भी जांच कर रहा है। पिछले सप्ताह मूडीज ने अदाणी समूह की कुछ कंपनियों का आउटलुक घटा दिया था। साथ इंडेक्स प्रोवाइडर एमएससीआइ ने भी अपने स्टाक इंडेक्स में शामिल समूह की कुछ कंपनियों के वेटेज में कटौती करने का एलान किया है।
प्राफिटमार्ट सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अविनाश गोरक्षकर ने कहा है कि अदाणी समूह द्वारा दिए गए आश्वासन का असर शेयर की कीमतों में दिखाई पड़ने में लगभग छह महीने का समय लगेगा।
सोमवार को भी गिरे अदाणी समूह के शेयर
सोमवार को भी अदाणी समूह की सभी कंपनियों के शेयर दबाव दिखाई दिए। अदाणी इंटरप्राइजेज सात प्रतिशत तो अदाणी टोटल गैस, अदाणी पावर और अदाणी ट्रांसमिशन में पांच-पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से फ्रांस की टोटल एनर्जीज के साथ संयुक्त उद्यम वाले अदाणी टोटल के शेयर में 70 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। अदाणी इंटरप्राइजेज का शेयर भी 50 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
रिपोर्ट जारी होने के बाद से अदाणी समूह ने अपने 25 अरब डालर के कुछ हिस्से का भुगतान किया है और शार्ट सेलिंग के दावों की स्वतंत्रत रूप से समीक्षा की बात कही है, लेकिन इसके बावजूद शेयर की कीमतों में गिरावट जारी है।
अदाणी समूह में निवेश को लेकर चिंता नहीं
अदाणी समूह की तरफ से सोमवार को सिंगापुर का डीबीएस समूह मैदान में उतरा। समूह ने कहा कि उसका अदाणी समूह की कंपनियों में 1.3 अरब सिंगापुर डालर (आठ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) का निवेश है। अकेले एक अरब सिंगापुर डालर का निवेश समूह के सीमेंट कारोबार को वित्तपोषित करने में किया है।
डीबीएस के सीईओ पीयूष गुप्ता ने सीमेंट कारोबार का जिक्र करते हुए कहा कि जिस कंपनी में निवेश किया गया है, उनकी बैलेंस शीट मजबूत है और हम निवेश के जोखिम को लेकर चिंतित नहीं हैं। अदाणी समूह ने पिछले साल होल्सिम से 10.5 अरब डालर में एसीसी और अंबुजा सीमेंट का अधिग्रहण किया था।
इंश्योरेंस कंपनियों का अदाणी समूह में निवेश 347 करोड़ रुपये
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पांच सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों का अदाणी समूह की कंपनियों में कुल निवेश 347.64 करोड़ रुपये है और यह उन बीमा कंपनियों द्वारा प्रबंधित कुल संपत्ति का 0.14 प्रतिशत है। अदाणी समूह को बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए गए कर्ज के विवरण से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्यमंत्री भागवत किशन कराड ने लोकसभा में कहा कि आरबीआइ अधिनियम एक बैंक द्वारा जमा की गई क्रेडिट जानकारी को सार्वजनिक करने पर रोक लगाता है।
बीमा कंपनियों के अदाणी समूह में निवेश के संदर्भ में कराड ने कहा कि एलआइसी ने 30 जनवरी को कहा था कि इक्विटी और कर्ज के तहत अदाणी समूह में उसकी कुल हिस्सेदारी 31 दिसंबर, 2022 तक 35,917.31 करोड़ रुपये है। 41.66 लाख करोड़ रुपये की बुक वैल्यू पर एलआइसी के कुल एयूएम (एसेंट अंडर मैनेजमेंट) का 0.975 प्रतिशत है।
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