RBI के जरिए हो देश में विदेशी मुद्रा में होने वाला लेनदेन, कंसल्टेंट और सर्विस प्रोवाइडर सेक्टर ने उठाई मांग
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ कंसल्टिंग इंजीनियर्स की ओर से कहा गया है कि देश में आंतरिक व्यापार के लिए होने वाले अमेरिकी डॉलर में लेनदेन अमेरिकी बैंकों के जरिए नहीं बल्कि आरबीआई के रूट से होना चाहिए। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कंसल्टेंट और सर्विस प्रोवाइडर (Consultants and Service Providers) की ओर से सरकार से अग्राह किया है कि विदेशी मुद्रा में होने वाली डील्स में अमेरिका बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल न किया जाए। इससे ट्रांजैक्शन फीस और बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
साथ ही सिफारिश की गई है कि भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए ही देश में यूएस डॉलर में होने वाले लेनदेन को किया जाए। मौजूद समय में देश के अंदर यूएस डॉलर में भुगतान करने पर होने फीस लगती है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ कंसल्टिंग इंजीनियर्स (International Federation of Consulting Engineers) के एशिया प्रशांत क्षेत्र के प्रतिनिधि केके कपिला ने कहा कि अमेरिकी बैंकों के जरिए लेनदेन करने पर ट्रांजैक्शन फीस चुकानी पड़ती है। फिलीपींस जैसा छोटा देश विदेशी मुद्रा में आंतरिक व्यापार के लिए अमेरिकी बैंकों का इस्तेमाल नहीं करता है तो फिर भारत जैसे देश यह क्यों नहीं कर सकता।
अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम का होता है इस्तेमाल
उदाहरण के लिए अगर दिल्ली की किसी फर्म को गुरुग्राम की किसी कंपनी को अमेरिकी डॉलर में भुगतान करना है, तो इसके लिए अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना होगा और ट्रांजैक्शन फीस भी भरनी होगी।
वहीं, अगर इन फर्मों के बीच ये लेनदेन आरबीआई के मदद से किए जाते हैं, तो अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम की जरूरत खत्म हो जाएगी।
कंसल्टेंट और सर्विस प्रोवाइडर सेक्टर की मांग
कपिला की ओर से आगे कहा गया है कि कंसल्टेंट और सर्विस प्रोवाइडर सेक्टर की सरकार से मांग है कि देश में अमेरिकी डॉलर में होने वाले व्यापार को आरबीआई के माध्यम से किया जाए। इससे देश की बहुमूल्य विदेशी मुद्रा को बचाने में भी काफी मदद मिलेगी और अमेरिका बैंकिंग सिस्टम पर निर्भरता कम हो जाएगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)