खुदरा डिजिटल रुपए से होने वाले भुगतान का बैंक को नहीं चलेगा पता, Banks सिर्फ करेंगे इंटरमीडिएरीज का काम
डिजिटल रुपए से क्यूआर स्कैन से दुकानदार को भुगतान तो हो जाएगा लेकिन उसकी जानकारी बैंक के पास नहीं होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी मुख्य वजह है कि डिजिटल रुपया जिस वैलेट में रखा जाएगा वह वैलेट आरबीआइ मुहैया करेगा।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 01 Dec 2022 10:01 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक दिसंबर से पायलट रूप में शुरू होने वाले खुदरा डिजिटल रुपए की सबसे खास बात यह होगी कि इसके माध्यम से होने वाले भुगतान की जानकारी बैंक को भी नहीं होगी। अभी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) माध्यम से किसी भी प्रकार के डिजिटल भुगतान करने पर उसकी पूरी जानकारी बैंक के पास होती है। क्योंकि बैंक के खाते से पीटीएम, गूगल पे व अन्य डिजिटल एप जुड़े होते हैं। डिजिटल रुपए से क्यूआर स्कैन से दुकानदार को भुगतान तो हो जाएगा, लेकिन उसकी जानकारी बैंक के पास नहीं होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी मुख्य वजह है कि डिजिटल रुपया जिस वैलेट में रखा जाएगा, वह वैलेट आरबीआइ मुहैया करेगा।
बैंक यहां वहीं काम करेगा जो अभी यूपीआई से जुड़े डिजिटल एप करते हैं
बैंक यहां सिर्फ इंटरमीडिएरीज का काम करेगा जहां ग्राहक डिजिटल रुपए के लिए भुगतान करेगा। एफटी कैश के सह संस्थापक दीपक कोठारी ने बताया कि अभी अगर दो व्यक्ति आपस में नकदी का लेनदेन करता है तो तीसरे व्यक्ति को उसका पता नहीं लगता है। वैसे ही डिजिटल रुपए में लेनदेन करने या भुगतान करने पर उसका पता बैंक को नहीं चलेगा क्योंकि लेनदेन करने पर डिजिटल रुपया एक वैलेट से दूसरे वैलेट में जाएगा और वह वैलेट आरबीआइ का होगा। कोठारी ने बताया कि बैंक यहां वहीं काम करेगा जो अभी यूपीआई से जुड़े डिजिटल एप करते हैं।
बैंक ग्राहक से कोई पूछताछ भी नहीं कर सकेगा
जानकारों के मुताबिक आरबीआइ भी पहली बार ही यह जान पाएगा कि किस व्यक्ति ने कितना डिजिटल रुपया लिया है क्योंकि डिजिटल वैलेट आरबीआइ देगा। उसके बाद से डिजिटल रुपया के लिए बैंक में भुगतान करने पर ग्राहक के वैलेट में डिजिटल रुपए स्वत: ही आ जाएंगे। किसने कितना डिजिटल रुपया खरीदा, यह जानकारी बैंक भी अपने पास नहीं रख सकेगा।
जानकारों के मुताबिक जल्द ही कुछ इस प्रकार के निर्देश आरबीआइ की तरफ से बैंकों को जारी किए जाने की उम्मीद है। बैंक ग्राहक से कोई पूछताछ भी नहीं कर सकेगा।अभी डिजिटल तरीके से किसी अन्य के खाते में 50,000 रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन करने पर पैन की जरूरत होती है। लेकिन डिजिटल रुपए के लेनदेने के बारे में इस प्रकार का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
सीमित ग्राहकों व दुकानदारों को यह सुविधा दी जाएगी
विशेषज्ञों ने बताया कि डिजिटल रुपए का एक और बड़ा फायदा यह होगा कि इसकी गारंटी आरबीआइ देगा। अभी बैंक सिर्फ पांच लाख रुपए तक की गारंटी देता है और बैंक के डूबने पर पांच लाख से अधिक वाली राशि की कोई गारंटी नहीं है। लेकिन डिजिटल वैलेट में जमा पूरी राशि की गारंटी आरबीआइ दे रहा है। पेपर वाले रुपए की तरह ही डिजिटल वैलेट में ई- खुदरा डिजिटल रुपए का चलन मुंबई, दिल्ली, बंगलुरू और भुवनेश्वर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है।
अभी सीमित ग्राहकों व दुकानदारों को यह सुविधा दी जाएगी। इसके बाद अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला जैसे शहरों में डिजिटल रुपए का चलन शुरू होगा। फिलहाल चार बैंक भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से खुदरा डिजिटल रुपए लिए जा सकेंगे। यह भी पढ़ें: UPI, Paytm और PhonePe से कितनी अलग है Digital Currency, जानिए इसके बारे में सब कुछ