NSE की तरह अब BSE पर भी होगा डेरिवेटिव कारोबार, Sensex और Bankex की हुई रिलॉन्चिंग
Sensex and Bankex Lot Size बीएसई यानी बॉम्वे स्टॉक एक्सचेंज एक बार फिर से डेरिवेटिव कारोबार में उतर गया है। एक्सचेंज ने अपने दो इंडेक्स Sensex और Bankex के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की रिलॉन्चिंग की है। (जागरण फाइल फोटो)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 15 May 2023 02:41 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बीएसई की ओर से सोमवार को सेंसेक्स (Sensex) और बैंकएक्स (Bankex) डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट रीलॉन्च किए गए हैं। इसके पीछे की वजह एक्सचेंज पर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग को बढ़ाना है।
बीएसई की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की रिलॉन्चिंग में फ्यूचर्स और ऑप्शन में साइज को घटा दिया गया और नई एक्सपायरी साइकिल शुक्रवार से गुरुवार के बीच निर्धारित की गई है।
बीएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुंदररमन राममूर्ति ने सोमवार को रिलॉन्चिंग कार्यक्रम में कहा कि हम दो कॉन्ट्रैक्ट सेंसेक्स और बैंकएक्स की रिलॉन्चिंग कर रहे हैं। सेंसेक्स एक जाना पहचाना बेंचमार्क और भारतीय अर्थव्यवस्था का सूचकांक है। इसका प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहा है और इसमें अस्थिरता भी कम है।
क्या होते हैं डेरिवेटिव?
डेरिवेटिव एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है, जो कि उसकी सिक्योरिटी की वैल्यू से प्रभावित होता है। अगर मूल सिक्योरिटी की कीमत ऊपर जाएगी तो डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू में भी इजाफा होगा। वहीं, अगर मूल सिक्योरिटी की कीमत में गिरावट आती है तो इसका उल्टा होगा।इसमें जोखिम काफी अधिक होता है और इसे इक्विटी मार्केट में हेजिंग के लिए लाया जाता है, जिससे निवेशक इक्विटी में रिस्क को मैनेज कर पाएं। पहली बार सेंसेक्स 30 डेरिवेटिव (ऑप्शन और फ्यूचर्स) को 2000 में पहली बार लॉन्च किया गया था।