GST में गड़बड़ी करने वालों की मुश्किलें बढ़ीं, जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी के लिए SoP हुई जारी
GST स्क्रूटनी के लिए नई एसओपी जारी हो गई हैं। इसके आने के बाद जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी के लिए डाटा एनालिटिक्स और रिस्क फैक्टर्स का उपयोग किया जाएगा। एक अधिकारी को कम से कम चार जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी करनी होगी। (जागरण फाइल फोटो)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 28 May 2023 01:01 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की ओर से वित्त वर्ष 2019-20 और उसके बाद जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी के लिए एसओपी (SoP) जारी कर दी है। इनका इस्तेमाल जीएसटी की एनालिटिक्स यूनिट की ओर से विभिन्न प्रकार की रिस्क के आधार पर जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी करने के लिए किया जाएगा।
क्या है नई SoP?
एसओपी के मुताबिक, स्क्रूटनी के लिए जीएसटी रिटर्न का चयन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ एनालिटिक्स एंड रिस्क मैनेजमेंट (DGARM) द्वारा किया जाएगा। सेंट्रल टैक्स ऑथोरिटीज के पास पंजीकृत जीएसटीआईएन का ही डीजीएआरएम की ओर से चयन किया जाएगा। इसके बाद चुने हुए जीएसटीआईएन से जुड़ी सभी जानकारी उससे जड़े हुए सेंट्रल टैक्स ऑफिसर के स्क्रूटनी डैशबोर्ड पर दिखाई देगी।
इस महीने की शुरुआत में सीबीआईसी की ओर से कहा गया था कि जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी के लिए जल्द ही एक ऑटोमेटिक मॉड्यूल तैयार किया जाएगा।
GST Return की स्क्रूटनी के ऑटोमेटिक मॉड्यूल से क्या होगा फायदा?
ऑटोमेटिक मॉड्यूल आने से सिस्टम की ओर से रिस्क और डाटा एनालिटिक्स के आधार पर स्क्रूटनी के लिए जीएसटी रिटर्न की पहचान की जाएगी। इससे टैक्स अधिकारियों को भी स्क्रूटनी के लिए जीएसटी रिटर्न चुनने में भी काफी आसानी होगी। एक टैक्स अधिकारी को हर महीने कम से कम चार रिटर्न की स्क्रूटनी करनी होगी।