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GST चोरी रोकने के लिए सरकार ने बनाया फुलप्रूफ प्लान, कानून तोड़ने पर तुरंत होगा एक्शन

Fake GST Registration नकली जीएसटी चोरी के मामले देश में साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं। इस कारण सरकार ने टैक्स अपराधियों के पकड़ने के लिए एक स्पेशल अभियान शुरू किया है। ( जागरण - फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 16 May 2023 04:02 PM (IST)
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'Special All-India Drive' from May 16 to July 15, to detect suspicious/ fake GSTINs
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी टैक्स चोरी को देखते हुए केंद्र और राज्य के  अधिकारियों की ओर से नकली जीएसटी पंजीकरण और टैक्स चोरी के अपराधियों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया गया है और यह करीब दो महीने (16 मई से जुलाई 15) तक चलेगा।

इस महीने की शुरुआत में जीएसटी पॉलिसी विंग की ओर से प्रिंसिपल चीफ कमीशनर ऑफ सेंट्रल टैक्स को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें बताया गया था कि कैसे नकली जीएसटी पंजीकरण के जरिए बिना कोई सामान और सर्विस भेजें कैसे कुछ जालसाज इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले रहे हैं।

सीबीआईसी ने जारी किया बयान

सीबीआईसी ने बयान में कहा कि नकली जीएसटी पंजीकरण एक बहुत बड़ी समस्या है। इसके जरिए नकली इनवॉयस निकालकर आईटीसी ले लिया जाता है और सरकार को राजस्व का नुकसान होता है।

जालसाजी को पकड़ने के लिए हो रहा AI का उपयोग

मौजूदा समय में देश में 1.39 करोड़ कारोबार जीएसटी में पंजीकृत है। सरकार डाटा एनालिटिक्स और एआई के जरिए जोखिम वाले टैक्यपेयर्स को पहचाने के लिए एक सिस्टम का उपयोग कर रही है और टैक्स चोरी करने वालों का डाटा भी एजेंसियों को शेयर किया जा रहा है, जिससे की समय पर अपराधियों को पकड़कर कार्रवाई की जा सके।

सरकार ने नियमों को बनाया सख्त

सरकार लगातार नियमों को भी सख्त बना रही है। अब नए जीएसटी का पंजीकरण कराने के लिए आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन का सहारा लिया जा रहा है, जिससे कि नकली जीएसटी पंजीकरण पर रोक लगाई जा सके।

जीएसटी चोरी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में 14 हजार मामले, 2021-22 में 12,574 और 2020-21 में 12,596 मामले पकड़े गए थे।