खुशखबरी! सस्ती होगी CNG और PNG, सरकार ने बदला प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने का तरीका
CNG-PNG Price भारत 2030 तक प्राथमिक ऊर्जा भंडार में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। (जागरण फाइल फोटो)
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Fri, 07 Apr 2023 08:42 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार ने प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के लिए नए तरीके को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि एपीएम गैस के रूप में मान्यता प्राप्त पारंपरिक क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे देशों में गैस की कीमतों के बजाय कच्चे तेल की कीमत से जोड़ा जाएगा।
सरकार का ये फैसला दूरगामी महत्व का होगा और इससे गैस की कीमत बहुत कम हो जाएगी। तेल सचिव पंकज जैन ने गुरुवार को कहा कि इससे पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) 10 फीसदी सस्ती हो जाएगी और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) की कीमत 6 फीसदी से 9 फीसदी तक कम हो जाएगी।
#Cabinet approves revised domestic gas pricing guidelines.
The price of natural gas to be 10% of the monthly average of Indian Crude Basket, to be notified monthly
-Sh @ianuragthakur#CabinetDecisions pic.twitter.com/9sEivVSDE9
— Office of Mr. Anurag Thakur (@Anurag_Office) April 6, 2023
शनिवार से लागू होगा फैसला
सरकार इस बदलाव की घोषणा के लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी करेगी और यह फैसला शनिवार से लागू हो जाएगा। सरकार ने एक बयान में कहा कि इस तरह की प्राकृतिक गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत का 10 प्रतिशत होगी।आपको बता दें कि भारत 2030 तक प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य बना रहा है। सुधारों से प्राकृतिक गैस की खपत का विस्तार करने में मदद मिलेगी और उत्सर्जन में कमी और कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
उपभोक्ताओं को कितना फायदा?
तेल मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट करके इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस कदम से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी। वर्तमान में, घरेलू गैस की कीमतें हर छह महीने में चार गैस ट्रेडिंग हब- हेनरी हब, अल्बेना, नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट (ब्रिटेन) और रूस में कीमतों के आधार पर तय की जाती हैं।
सरकार ने कहा है कि चार गैस हब पर आधारित मूल्य निर्धारण पद्धति में समय अंतराल अधिक था और बहुत अधिक अस्थिरता थी, इसलिए इस सुधार की आवश्यकता महसूस की गई।