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CPI Inflation April 2023: 18 महीने के निचले स्तर पर महंगाई, अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.7 फीसद

CPI Inflation April 2023 रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किए गए उपायों का असर दिखाई देना शुरू हो गया है। मार्च के बाद अप्रैल में भी खुदरा महंगाई की दर में कमी देखने को मिली है। महंगाई की दर रिजर्व बैंक के अनुकूलन बैंड के भीतर आ गई है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Fri, 12 May 2023 06:19 PM (IST)
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CPI Inflation April 2023: Retail inflation declines to 18 month low
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। CPI Inflation April 2023: खाद्य कीमतों में नरमी के कारण खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में 18 महीने के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गई। यह लगातार दूसरे महीना था, जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति आरबीआई के 6 प्रतिशत के कम्फर्ट जोन के भीतर रही।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2023 में 5.66 प्रतिशत और एक साल पहले की अवधि में 7.79 प्रतिशत थी। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2021 के बाद से सबसे कम है, जब यह 4.48 प्रतिशत थी।

कहां कितनी रही महंगाई

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, फूड बास्केट में मुद्रास्फीति अप्रैल में 3.84 प्रतिशत थी, जबकि मार्च में यह 4.79 प्रतिशत और एक साल पहले की अवधि में 8.31 प्रतिशत थी। अनाज, दूध और फलों की ऊंची कीमतों और सब्जियों की कीमतों में धीमी गिरावट के कारण खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 5.7 प्रतिशत से बढ़कर फरवरी 2023 में 6.4 प्रतिशत हो गई।

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए CPI मुद्रास्फीति को 5.2 प्रतिशत, Q1 में 5.1 प्रतिशत, Q2 में 5.4 प्रतिशत, Q3 में 5.4 प्रतिशत और Q4 में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

मार्च में बढ़ा औद्योगिक उत्पादन

भारत का औद्योगिक उत्पादन मार्च में 1.1 प्रतिशत बढ़ा है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा गया फैक्ट्री प्रोडक्शन मार्च 2022 में 2.2 प्रतिशत बढ़ा।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च 2023 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 0.5 प्रतिशत बढ़ा है। माह के दौरान खनन उत्पादन 6.8 प्रतिशत बढ़ा। मार्च में बिजली उत्पादन में 1.6 की गिरावट आई है। 2021-22 में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले 2022-23 में IIP 5.1 प्रतिशत बढ़ा।