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CPI Inflation January 2023: तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची महंगाई, जनवरी में मुद्रास्फीति बढ़कर 6.52 फीसद

CPI Inflation January 2023 आरबीआई ने हाल के महीनों में रेपो दरों में लगातर बढ़ोतरी की है। 8 फरवरी को अपने बयान में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने कहा कि मुद्रास्फीति को स्थिर रखने के लिए दरों में वृद्धि की आवश्यकता है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Mon, 13 Feb 2023 05:42 PM (IST)
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CPI Inflation January 2023: latest inflation rates Ministry of Statistics
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जनवरी 2023 के लिए घरेलू उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़े जारी कर दिए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में खुदरा महंगाई दर (CPI) बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गई है। दिसंबर में मुद्रास्फीति 5.72 फीसद थी, जबकि नवंबर में यह आंकड़ा 5.88 प्रतिशत था।

सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति तीन महीनों में पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक के टॉलरेंस बैंड की अधिकतम सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर है। पिछला उच्च स्तर अक्टूबर 2022 में 6.77 प्रतिशत था।

सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति में वृद्धि के पीछे खाद्य कीमतों में वृद्धि प्रमुख कारणों में से एक है- खाद्य मुद्रास्फीति। ये दिसंबर में 4.19% से बढ़कर जनवरी में 5.94% हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बास्केट में खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति का लगभग 40% हिस्सा है।

ऊपरी टॉलरेंस बैंड के पार हुई महंगाई

कई संस्थानों द्वारा किए गए सर्वे में अनुमान लगाया जा रहा था कि सीपीआई मुद्रास्फीति जनवरी में प्रतिकूल आधार और मुख्य दबावों पर बढ़कर 6 प्रतिशत से उपर जा सकती है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर के एक साल के निचले स्तर 5.72 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी में 6 प्रतिशत से अधिक के स्तर पर लौट आई है।

क्यों बढ़ रही महंगाई

प्रतिकूल आधार प्रभाव के कारण हेडविंड इन्फ्लेशन ऊपर की ओर जाता हुआ दिखाई दे रहा है। खाद्य मुद्रास्फीति में अब भी अपेक्षित सुधार नहीं है और खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कई आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में नरमी और रबी बुवाई के बेहतर रुझान के बावजूद जनवरी में खाद्य मुद्रास्फीति में प्रतिकूल प्रभाव का असर देखने को मिला है।

खाद्य महंगाई चिंता की बड़ी वजह

उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिन 22 वस्तुओं पर डाटा एकत्र करता है, उनमें से 16 की कीमतों में दिसंबर में गिरावट देखी गई थी। महीने-दर-महीने आधार पर जिन वस्तुओं की कीमतों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई, वे हैं टमाटर, आलू और प्याज। हालांकि, उनकी कीमतों में क्रमिक गिरावट दिसंबर की तुलना में कम थी।

प्याज, आलू और टमाटर को छोड़कर सब्जियों की कीमतों में गिरावट की रफ्तार धीमी हो गई है, साथ ही अनाज की कीमतों में निरंतर तेजी देखी जा रही है।

आपको बता दें कि सीपीआई खाद्य सूचकांक जनवरी 2022 में महीने-दर-महीने 1.3 प्रतिशत गिरकर 164.9 हो गया था। मुद्रास्फीति के आंकड़े की गणना के लिए यह अवधि एक आधार बनी है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि गैर-खाद्य, गैर-ईंधन की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं और मुख्य मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत के आसपास बनाए रखना आरबीआई के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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