शत्रु संपत्तियां को बेचकर कमाए 3400 करोड़ रुपये, चीन और पाकिस्तान से है कनेक्शन
गृह मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि सरकार को शत्रु संपत्ति बेच 3400 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। शत्रु संपत्तियां में उन लोगों की संपत्तियां शामिल हैं जो बंटवारे और 1962 एवं 1965 के युद्ध के बाद पाकिस्तान और चीन जा चुके हैं। (जागरण फाइल फोटो)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 21 Feb 2023 12:48 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत सरकार ने शत्रु संपत्तियों को बेचकर 3,400 करोड़ रुपये कमाए। इन संपत्तियों में शेयर और गोल्ड आदि शामिल थे। ऐसा सरकारी अधिकारियों की ओर से बताया गया। शत्रु संपत्तियां वे होती हैं, जो दुश्मन देश के लोगों से संबंधित होती हैं। जो लोग बंटवारे और 1962 एवं 1965 के युद्ध के बाद पाकिस्तान और चीन जा चुके हैं, उनकी संपत्तियों को भी इसी के तहत रखा जाता है ।
गृह मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि 2018-19, 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में दुश्मन संपत्तियों में आने वाले 152 कंपनियों के 7,52,83,287 शेयरों को बेचा गया है, जिनकी वैल्यू 2,708.9 करोड़ रुपये थी और 699.08 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्तियों के रूप में प्राप्त हुए हैं।
कानून के अनुसार, शत्रु संपत्ति का मतलब ऐसी संपत्ति से है, जिस पर शत्रु का अधिकार हो या फिर उसका प्रबंधन शत्रु देश की कंपनी या नागरिक पास हो।
सोने और चांदी भी बेचे
अधिकारियों की ओर से आगे बताया गया कि शत्रु संपत्ति अधिनियम के प्रावधानों के तहत जनवरी 2021 में 49,14,071 रुपये में 1,699.79 ग्राम सोना और 10,92,175 रुपये में 28.896 किलोग्राम चांदी बेची गई है।नहीं बेची कोई भी अचल संपत्ति
देश में पाकिस्तान और चीन जा चुके लोगों की कुल 12,611 संपत्तियां शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत आती हैं, जिसमें से 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों की हैं और 126 संपत्तियां चीनी नागरिकों की हैं।