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देश में घटिया सामान की नो-एंट्री, अगले 6 महीनों में सरकार जारी करेगी 58 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश

2018-19 में भारत में 2960 करोड़ रुपये के खिलौने आयात किए गए थे। हाल ही में BIS ने मॉल हवाई अड्डों और बाजारों में Hamleys Wh Smith Archies और Kids Zone सहित कई खुदरा विक्रेताओं पर छापे के दौरान 18600 गैर-BIS प्रमाणित खिलौने जब्त किए हैं।

By AgencyEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Sun, 05 Mar 2023 03:27 PM (IST)
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Govt to come up with 58 quality control orders in next 6 months
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में घटिया साजो-सामान की एंट्री बैन करने के लिए सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। सरकार अगले छह महीनों में एल्युमीनियम, तांबे की वस्तुओं और बिजली के घरेलू उपकरणों जैसे उत्पादों के लिए 58 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जारी करेगी।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बाचतीत में कहा कि घटिया सामान पर रोक लगाने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) देश में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

छह महीनों में 58 क्यूसीओ

DPIIT में संयुक्त सचिव संजीव ने पीटीआई को बताया कि 1987 से केवल 34 क्यूसीओ जारी किए गए हैं, लेकिन अब अगले छह महीनों में 58 क्यूसीओ जारी किए जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य घटिया सामान के आयात को रोकना है। ये मानदंड अनिवार्य होंगे और घरेलू और विदेशी, दोनों तरह की पार्टियों के लिए होंगे।

इन आदेशों के तहत 315 उत्पाद वर्गीकृत किए जायेंगे। इन आदेशों के तहत वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री/व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक कि उन पर बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) चिह्न न हो। इन क्यूसीओ को नियत प्रक्रिया का पालन करने के बाद एक साल के भीतर अधिसूचित किया जाएगा। इस कदम से घरेलू सामानों के लिए वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी।

सजा का है प्राविधान

इन आदेशों के सुचारू कार्यान्वयन के लिए, विशेष रूप से सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए, बीआईएस लाइसेंस प्राप्त करने और उनके परीक्षण सुविधाओं को उन्नत करने के लिए प्राविधानों पर विचार किया जा रहा है। अति सूक्ष्म इकाइयों (25 लाख रुपये तक के संयंत्र और मशीनरी में निवेश) को छूट देने पर मामला दर मामला आधार पर विचार किया जा रहा है।

बीआईएस अधिनियम 2016 के अनुसार गैर-बीआईएस प्रमाणित उत्पादों का निर्माण, भंडारण और बिक्री प्रतिबंधित है। कानून का उल्लंघन करने पर दो साल तक की कैद या पहले अपराध के लिए कम से कम 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। दूसरे और बाद के अपराधों के लिए न्यूनतम 5 लाख रुपये तक बढ़ जाता है।

ये आदेश विभाग द्वारा अपने डोमेन के अंतर्गत आने वाले उद्योगों के लिए तकनीकी बाधाओं पर व्यापार (टीबीटी) पर डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) समझौते के अनुरूप जारी किए गए हैं। यह समझौता मानता है कि किसी भी देश को सामान की गुणवत्ता सुनिश्चित करने या मानव, पशु या पौधों के जीवन या स्वास्थ्य, पर्यावरण की सुरक्षा या भ्रामक प्रथाओं की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय करने से नहीं रोका जाना चाहिए।

निर्यात में हुई बढ़ोतरी

खिलौनों के लिए गुणवत्ता मानदंडों के कारण खिलौनों के आयात में काफी कमी आई है और निर्यात में उछाल आया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान देश का खिलौनों का निर्यात 1,017 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 2021-22 में निर्यात 2,601 करोड़ रुपये रहा। अप्रैल-दिसंबर 2013-14 के दौरान शिपमेंट 167 करोड़ रुपये का था।

2018-19 में, भारत में 2,960 करोड़ रुपये के खिलौने आयात किए गए थे। 2021-22 में भारत में खिलौनों का कुल आयात 70 प्रतिशत घटकर 870 करोड़ रुपये रह गया। इस वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान, भारत का आयात बढ़कर 602.2 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 494 बिलियन अमरीकी डॉलर था।