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देश की जीडीपी विकास दर नाजुक स्थिति में, चालू वित्त वर्ष में उच्च स्तर पर रह सकती है महंगाई : जयंत आर वर्मा

RBI MPC के सदस्य जयंत आर वर्मा का कहना है कि ब्याज दर बढ़ने के कारण ईएमआई का भुगतान महंगा होना ग्लोबल मंदी की आशंका के कारण निर्यातकों को नए ऑर्डर मिलने में मुश्किलों के कारण अर्थव्यवस्था की विकास दर की रफ्तार नाजुक बनी हुई है। (फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 26 Feb 2023 03:57 PM (IST)
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India economic growth appears to be very fragile says RBI
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी के सदस्य जयंत आर वर्मा ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर काफी नाजुक स्थिति में दिख रही है और ये देश के बढ़ते कार्यबल की आकांक्षाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए कम हो सकती है। चालू वित्त वर्ष में महंगाई उच्च स्तर पर रह सकती है, लेकिन 2023-24 में इसमें गिरावट आएगी।

इन कारणों से धीमी हो रही विकास दर

वर्मा ने विकास दर धीमी होने के कारणों के बारे में बताया कि ब्याज दर बढ़ने के कारण ईएमआई का भुगतान महंगा हो गया है, जिससे लोगों को पहले के मुकाबले कम खर्च करना पड़ रहा है। ग्लोबल मंदी की आशंका के कारण निर्यातकों को नए ऑर्डर मिलने में मुश्किलें हो रही हैं। ऊंची ब्याज दर के कारण निजी क्षेत्र को निवेश में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

आरबीआई का विकास दर का अनुमान

आरबीआई ने 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO)के अनुमान के अनुसार, 2022-23 के लिए जीडीपी विकास दर का 7 प्रतिशत रह सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में अगले वित्त वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत जीडीपी विकास दर का अनुमान लगाया गया है।

महंगाई होगी कम

जयंत आर वर्मा आईआईएम अहमदाबाद प्रोफेसर हैं। उनका मानना है कि आगे आने वाले महीनों में महंगाई का दबाव कम होता दिखेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि ब्याज दर बढ़ने के कारण पूरी दुनिया में विकास दर कम होने का जोखिम बढ़ गया है।

बता दें, आरबीआई ने खुदरा महंगाई के अनुमान को कम करके 6.5 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले 6.7 प्रतिशत था। जनवरी में खुदरा महंगाई 6.52 प्रतिशत पर थी।

आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाया

आरबीआई ने महंगाई को काबू करने के लिए पिछले साल ब्याज दर बढ़ाना शुरू किया था। केंद्रीय बैंक की ओर से मई 2022 में 0.40 प्रतिशत, जून 2022 में 0.50 प्रतिशत, अगस्त 2022 में 0.50 प्रतिशत, सिंतबर 2022 में 0.50 प्रतिशत, दिसंबर 2022 में 0.35 प्रतिशत और फरवरी 2023 में 0.25 प्रतिशत रेपो रेट को बढ़ाया गया है। इस तरह मई 2022 जो रेपो रेट 4.00 प्रतिशत था, वो फरवरी 2023 में 6.50 प्रतिशत पर पहुंच गया।

(एजेंसी इनपुट के साथ)