मार्च में तीन महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंची मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां, PMI 56 के ऊपर
India Manufacturing PMI Data March एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 56.4 पर पहुंच गया है। यह लगातार 21वां महीना है जब मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। (फोटो - जागरण फाइल)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 03 Apr 2023 12:30 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां मार्च में तीन महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। इसके पीछे की वजह नए ऑर्डर के साथ आउटपुट में इजाफा होना है। जो इस बात को दिखाता है कि 2023 में परिचालन में सुधार आया है। ये जानकारी एक निजी कंपनी के सर्वे में सामने आई।
इस कारण मार्च में एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 56.4 पर पहुंच गया है जो कि फरवरी में 55.3 था। खास बात यह है कि पीएमआई डाटा में लगातार 21 वें महीने सुधार देखने को मिला है। जब भी पीएमआई डाटा 50 के ऊपर होता है, तो यह बढ़त को दिखाता है और 50 से कम होना गिरावट का संकेत होता है।
मांग में हुई बढ़ोतरी
एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर, पोलीअन्ना डी लीमा ने कहा कि मार्च में भारतीय उत्पादों की मांग मजबूत रही है। इस वजह से फैक्ट्री ऑर्डर में उछाल देखा जा रहा है।साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि इनपुट में आने वाली लागत में मार्च में पिछले 2.5 सालों में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है। सप्लाई चेन और कच्चे माल की उपलब्धता काफी बढ़ी है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आखिरी तिमाही में वस्तुओं की कीमत में इजाफा हुआ है और महंगाई की दर फरवरी के लगभग समान है। हालांकि, नौकरियों के फ्रंट पर माल उत्पादकों ने मार्च में पेरोल संख्या को मोटे तौर पर अपरिवर्तित रखा है, क्योंकि आउटस्टैंडिग बिजनेस वॉल्यूम में मामूली बढ़ोतरी हुई थी, जोकि साल में सबसे कम थी।