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Per Capita Income of India: देश में हर साल तेजी से बढ़ रही प्रति व्यक्ति आय, 2014 के बाद से हुई दोगुनी

Per Capita Income of India राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने प्रति व्यक्ति आय से जुड़े आंकड़े जारी कर दिए हैं। नॉमिनल और रियल टर्म दोनों में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी देखने को मिली है। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 05 Mar 2023 03:53 PM (IST)
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India Per Capita Income doubles in last nine years
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद 2014-15 से अब नॉमिनल टर्म में भारत की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी होकर 1,72,000 रुपये हो गई है। हालांकि, देश के सामने अभी भी अमीरों और गरीबों के बीच की खाई चुनौती बनी हुई है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office (NSO)) के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मौजूदा कीमतों पर वार्षिक प्रति व्यक्ति 1,72,000 रुपये होने के अनुमान है, जो कि 2014-15 में 86,647 रुपये थी। इस तरह पिछले नौ सालों में देश की प्रति व्यक्ति आय में 99 प्रतिशत की बढ़ोतरी देने को मिली है।

स्थिर मूल्यों को साथ रियल टर्म में प्रति व्यक्ति आय 2014-15 में 72,805 रुपये से 35 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 के लिए 98,118 रुपये हो गई है। रियल टर्म को महंगाई को समायोजित करने के बाद निकाला जाता है।

कोरोना के बाद प्रति व्यक्ति आय में आया उछाल

एनएसओ के डाटा के अनुसार, कोरोना महामारी की शुरुआत में रियल टर्म और नॉमिनल टर्म दोनों में प्रति व्यक्ति आय में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन जैसे ही कोरोना का प्रभाव कम हुआ 2021-22 और 2022 -23 में तेजी देखने को मिली है।

हर साल इतनी बढ़ रही प्रति व्यक्ति आय

सामचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए प्रमुख आर्थिक अनुसंधान संस्थान एनआईपीएफपी के पूर्व निदेशक पिनाकी चक्रवर्ती ने कहा कि वर्ल्ड डेपलवमेंट इंडिकेटर डाटा बेस के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति आय 2014 से लेकर 2019 के बीच रियल टर्म में 5.6 प्रतिशत वार्षिक बढ़ी है।

साथ ही उन्होंने आगे कहा कि यह ग्रोथ काफी महत्वपूर्ण है। हमने स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक और सोशल मोबिलिटी  में सुधार देखा है। हालांकि, कोरोना से काफी खराब प्रभाव पड़ा है, लेकिन इसमें रिकवरी देखने को मिली है। देश के सभी क्षेत्रों में बैलेंस ग्रोथ होने से इसमें और तेजी देखने को मिल सकती है।

इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (ISID) के निदेशक नागेश कुमार ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय में रियल टर्म में वृद्धि हुई है और येबढ़ती समृद्धि को दर्शाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रति व्यक्ति आय भारतीयों की औसत आय है। औसत बढ़ती असमानताओं को छिपाते हैं। हालांकि भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक ब्राइट स्पॉट बना हुआ है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)