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Post Office में मिलेंगी बैंकों वाली सभी सुविधाएं? इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक के सीईओ ने बताया भविष्य का प्लान

Post Office Services सीसीआई के एक कार्यक्रम में एमडी और सीईओ जे वेंकटरामू ने कहा कि अगर हमें पूर्ण बैंकिंग लाइसेंस मिलता है तो डाकघर के विशाल नेटवर्क के जरिए हम वित्तीय समावेशन में अहम भूमिका निभा सकते हैं। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 14 Mar 2023 05:50 PM (IST)
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India Post Payment Bank wants to convert itself to universal bank
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) खुद को एक यूनिवर्सल बैंक के रूप में बदलना चाहता है, जिससे कि वह देश में फैले बड़े अपने डाकघरों के नेटवर्क के जरिए वित्तीय सेवाओं को देश के अंतिम छोर तक पहुंचा सके। ये बात मंगलवार को बैंक के एमडी और सीईओ जे वेंकटरामू ने एक क्रार्यक्रम के दौरान कही।

उन्होंने आगे कहा कि 2018 में आईपीपीबी ने जब अपना परिचालन शुरू किया था। 80 प्रतिशत से अधिक लेनदेन कैश में होता था। बैंक ने टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को काफी बढ़ावा दिया है। मौजूदा समय में केवल 20 प्रतिशत लेनदेन ही कैश में किए जाते हैं, जबकि 80 प्रतिशत से अधिक लेनदेन ऑनलाइन होते हैं।

पूर्ण बैंकिंग लाइसेंस से वित्तीय समावेशन को मिलेगा बढ़ावा

सीसीआई के एक क्रार्यक्रम में पूर्ण बैंकिंग लाइसेंस को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डाकघरों के नेटवर्क को देखते हुए, हम एक ऐसी संस्था के रूप में बिल्कुल फिट बैठते हैं, जिसकी पहुंच देश के हर नुक्कड़ और कोने तक है। अगर हमें एक पूर्ण बैंकिंग लाइसेंस मिलता है, तो यह विशेष रूप से वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा।

आगे उन्होंने कहा कि क्रेडिट वित्तीय समावेशन का बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। इससे समाजिक उत्थान भी होता है। पोस्ट ऑफिस का बड़ा नेटवर्क देश में क्रेडिट के विस्तार में अहम भूमिका निभाता है।

IPPB की स्थापना 

आईपीपीबी की स्थापना 17 अगस्त, 2016 को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत हुई थी। इसे एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में डाक विभाग के तहत भारत सरकार की 100 प्रतिशत इक्विटी के साथ शामिल किया गया था। इसका स्वामित्व भारत सरकार के पास है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)