Indian Economy: क्या है भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति, कितने चुनौतीपूर्ण होंगे आने वाले दिन
Indian Economy 2023 वर्तमान समय में भारत की अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है। साल 2022-23 की बात करें तो इस साल विकास दर 8.5% आंकी गई थी जबकि 2023-24 के में घट कर 7% पर होने की संभावना है। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कल इस साल के यूनियन बजट को पेश किया जाने वाला है, जिसमें कई नए नियमों और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए नई योजनाओं को शामिल किया जाएगा। यह बजट देश और इसके देशवासियों के लिए कितना अच्छा रहेगा, इससे पहले यह जानना जरूरी है कि वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था कैसी है और आने वाले साल में इस पर क्या असर पड़ने वाला है।
इसलिए, आज हम जानेंगे कि भारत की अर्थव्यवस्था को तय करने वाले विकास दर, विनिर्माण की स्थिति और मुद्रास्फीति दर जैसी अन्य सेगमेंट्स की क्या स्थिति है। साथ ही आने वाले साल में इससे क्या उम्मीदें लगी जा रही है।
विकास दर
बजट 2023 के पेश होने से पहले कई तरह के सर्वे किए जा रहे हैं कि 2023-24 के लिए विकास की क्या दर हो सकती है, लेकिन इसका आधार इस बात पर तय होता है कि बीते कुछ सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर क्या रही है। अगर आंकड़ों पर जाए तो 2022-23 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 8 से 8.5% आंकी गई थी। वहीं, 2023-24 में GDP वृद्धि 7% रहने का अनुमान लगाया है।
मुद्रास्फीति दर
रूस और यूक्रेन युद्ध और कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई स्थितियों की वजह से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई, जबकि RBI द्वारा लगातार रेपो रेट में हो रही बढ़ोतरी की वजह से मुद्रास्फीति में कमी आई है। साथ ही इसके और कम होने की उम्मीद है। 2022-23 पहला साल था जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) लगातार तीन तिमाहियों के लिए 6% अंक से ऊपर रहा। इसलिए, उम्मीद है कि यह धीमी वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण विकास को भी धीमा कर देगा।
विनिर्माण की स्थिति
मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों के आने क बाद भी विनिर्माण उद्योग अभी भी संघर्ष कर रहा है। 2022-23 के लिए ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) 1.6% बढ़ने की उम्मीद है। इस बढ़त के साथ विनिर्माण उद्योग में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सबसे अच्छी स्थिति की बात करें तो यह साल 2021-22 में था, जब आंकड़ा 9.9% तक था।
2023-24 में कंज्यूमर सेंटिमेंट
साल 2023-24 में कंज्यूमर सेंटिमेंट की बात करें तो उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (CCS) से पता चलता है कि वर्तमान स्थिति सूचकांक (CSI) लगातार 33 बार से नकारात्मक रहा है। कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था में पूर्व-महामारी मंदी और इसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर से अब देश उभर रहा है। 2023-24 में कंज्यूमर सेंटिमेंट में सुधार की उम्मीद है।
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