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Infosys Shares Price: इन्फोसिस के निवेशकों के लिए बुरी खबर, 15 फीसद तक लुढ़के शेयर; Q4 कमाई का नहीं मिला फायदा

Infosys Shares Price Down IT कंपनी इन्फोसिस के निवेशकों को सोमवार को निराश हो सकती है। कारोबार के शुरुआत के साथ ही कंपनी के शेयरों में 15 फीसद तक की कमी देखी गई। वहीं राजस्व के आंकड़ों ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Mon, 17 Apr 2023 01:31 PM (IST)
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Infosys shares fall nearly 15 pc, See Q4 Net Profit And Revenue Details
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आईटी कंपनी इन्फोसिस के निवेशकों के लिए एक बुरी खबर आ गई है। सोमवार को सुबह के कारोबार में लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे कंपनी को 73,060 करोड़ रुपये की गिरावट का सामना करना पड़ा। कंपनी ने बीते सप्ताह अपनी तीसरी तिमाही के रिजल्ट की घोषणा भी की थी, जिसमें कंपनी को अपने नेट प्रॉफिट में 7.8 प्रतिशत की सालाना बढ़त मिली। हालांकि, इसका असर भी कंपनी के शेयरों में नहीं देखने को मिला।

Infosys के शेयर

इन्फोसिस के शेयरों पर नजर डालें तो बीएसई पर स्टॉक 12.21 प्रतिशत गिरकर 1,219 रुपये पर पहुंच गया जो कि इसके 52 सप्ताह के रिकॉर्ड का सबसे निचला स्तर है। वहीं, एनएसई पर यह 14.67 प्रतिशत गिरकर 1,185.30 रुपये पर आ गया। कंपनी का बाजार पूंजीकरण भी 73,060.65 करोड़ रुपये घटकर 5,08,219.35 करोड़ रुपये रह गया।

Q4 के रिजल्ट ने किया निराश

बीते सप्ताह ही कंपनी ने अपनी चौथी तिमाही के रिजल्ट को पेश किया था। इन्फोसिस की वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 6,128 करोड़ रुपये की नेट प्रॉफिट रही, जो सालाना आधार पर इस साल 7 फीसद से अधिक की बढ़त के साथ था। वहीं, कंपनी के राजस्व में 16 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, वित्त वर्ष 2024 के लिए केवल 4 से 7 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के साथ इंफोसिस के उम्मीद से खराब परिणाम दिए। 

भारत की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर फर्म ने मार्च तिमाही के लिए नेट प्रॉफिट में 7.8 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की, जो 6,128 करोड़ रुपये थी।

निरंतर मुद्रा में राजस्व में कमी

वित्तीय वर्ष 2023 के लिए निरंतर मुद्रा में राजस्व वृद्धि 15.4 प्रतिशत पर आ गई, जो उम्मीद से कम है। इस साल जनवरी में Q3 की आय की घोषणा के बाद राजस्व मार्गदर्शन को 16 से 16.5 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था जो कि पहले 15 से 16 प्रतिशत का अनुमानित बैंड पर था। इस तरह निरंतर मुद्रा में 3.2 प्रतिशत की गिरावट थी।