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Indian Oil का बड़ा दांव, सभी रिफाइनरी में स्थापित होंगे Green Hydrogen प्लांट, पानीपत से होगी शुरुआत

Indian Oil की ओर से बताया गया है कि कंपनी 2025 तक 2000 करोड़ रुपये की लागत से अपनी पानीपत तेल रिफाइनरी में 7000 टन प्रति वर्ष की क्षमता वाली ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन फैसिलिटी स्थापित करेगी। (फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 26 Feb 2023 02:46 PM (IST)
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IOC to set up green hydrogen plants at all refineries
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश की सबसे बड़ी तेल वितरक कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) दो लाख करोड़ रुपये के जीरी कार्बन प्लान के तहत अपनी सभी रिफाइनरियों में ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित करेगी। यह कंपनी के 2046 जीरो कार्बन के लक्ष्य के तहत किया जाएगा।

कंपनी के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ईंधन कारोबार में उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए पेट्रोकेमिकल्स पर अधिक ध्यान देने के साथ व्यवसाय को फिर से तैयार कर रहा है। साथ ही पेट्रोल पंपों को ऊर्जा आउटलेट में बदल रहा है जो पारंपरिक ईंधन के अलावा ईवी चार्जिंग पॉइंट और बैटरी स्वैपिंग विकल्प प्रदान करता है।

पानीपत में स्थापित होगा पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट

वैद्य ने कहा कि कंपनी 2025 तक 2,000 करोड़ रुपये की लागत से अपनी पानीपत तेल रिफाइनरी में 7,000 टन प्रति वर्ष की क्षमता वाली ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन फैसिलिटी स्थापित करेगी। यह कंपनी का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट होगा, जिसके बाद देश में मौजूद सभी रिफाइनरी में इस तरह के प्लांट स्थापित किए जाएंगे।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईओसी की योजना रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता वर्तमान 256 मेगावाट से 12 गीगावाट तक बढ़ाने की है। वहीं, कंपनी अगले दो साल में 10,000 ईंधन स्टेशनों पर वाहन चार्जिंग की सुविधा लगाने की योजना बना रही है।

स्वच्छ ईंधन है ग्रीन हाइड्रोजन

ग्रीन हाइड्रोजन को स्वच्छ ईंधन माना जाता है। इसके जलने पर ऑक्सीजन और पानी निकलता है। इस कारण ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का भी ईंधन माना जा रहा है। आज के समय में दुनिया की बड़ी कार कंपनियों भी ग्रीन हाइड्रोजन तकनीकों पर कार्य कर रही हैं।

रिफाइनिंग क्षमता बढ़ा रहा IOC

बता दें, इंडियन ऑयल देश में बढ़ती तेल की मांग को देखते हुए अपनी रिफानिंग क्षमता को मौजूदा 81.2 मिलियन टन से बढ़ाकर 106.8 मिलियन टन करने पर काम कर रहा है। वहीं, अनुमान है कि भारत की तेल की मांग मौजूदा 5.1 मिलियन बैरल प्रतिदिन से बढ़कर 2030 तक 7-7.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन और 2040 तक 9 मिलियन प्रतिदिन तक हो जाएगी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)