JSW IPO: जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर लेकर आ रही 2800 करोड़ रुपये का आईपीओ, निवेशकों के लिए एक और शानदार मौका
JSW Infrastructure Files for IPO जेएसडब्ल्यू इस कैलेंडर वर्ष की तीसरी कंपनी होगी जो आईपीओ लेकर आ रही है। इससे पहले एवलॉन टेक्नोलॉजीज और मैनकाइंड फार्मा अपना आईपीओ लेकर आ चुकी है। कंपनी ने सेबी के फाइलिंग में बताया कि यह आईपीओ पूरी तरह से फ्रेश इश्यू होगा।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 10 May 2023 05:03 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से लगभग 2,800 करोड़ रुपये जुटाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के सामने आवेदन दिया है। कंपनी ने बताया कि यह आईपीओ पूरी तरह से फ्रेश इश्यू होगा।
कर्ज चुकाने के लिए आईपीओ का सहारा
कंपनी ने कहा कि आईपीओ के कुल 2,800 करोड़ रुपये में से 880 करोड़ रुपये के पब्लिक इश्यू का इस्तेमाल उसकी शाखा JSW धरमतर पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड और JSW जयगढ़ पोर्ट लिमिटेड में निवेश के लिए किया जाएगा ताकि उनका कर्ज चुकाया जा सके। आपको बता दें कि दिसंबर 2022 तक जेएसडब्ल्यू धरमतर पोर्ट पर कुल 4303.90 करोड़ रुपये का कर्ज है।
यहां होगा बाकी पैसों का इस्तेमाल
कंपनी आईपीओ के इस पैसे से अपनी शाखा जेएसडब्ल्यू जयगढ़ पोर्ट लिमिटेड में निवेश करेगी। यह एलपीजी टर्मिनल परियोजना के लिए 868.03 करोड़ रुपये, 59.40 करोड़ रुपये का उपयोग विद्युत उप स्टेशन स्थापित करने के लिए और 102.58 करोड़ रुपये का उपयोग ड्रेजर की खरीद और स्थापना के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा यह फर्म अपनी पूंजीगत व्यय आवश्यकता के वित्तपोषण के लिए अपनी शाखा JSW मैंगलोर कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड में निवेश के लिए 151.63 करोड़ रुपये का उपयोग करेगी। जेएम फाइनेंशियल, एक्सिस कैपिटल, क्रेडिट सुइस, डैम कैपिटल एडवाइजर्स, एचएसबीसी, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, कोटक महिंद्रा कैपिटल, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स इश्यू के लीड मैनेजर हैं।
कंपनी प्रोफाइल
जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर अपने ग्राहकों को कार्गो हैंडलिंग, भंडारण समाधान, रसद सेवाओं और अन्य मूल्य वर्धित सेवाओं जैसी समुद्री सेवाओं की एक श्रृंखला प्रदान करता है। कंपनी एक व्यापक रसद समाधान प्रदाता बनने के लिए विस्तार कर रही है।
इस लक्ष्य के अनुरूप, यह बंदरगाह रियायत समझौते के तहत बंदरगाहों और बंदरगाह टर्मिनलों का विकास और प्रबंधन करता है। इन रियायतों में विस्तारित अवधि होती है, जो आमतौर पर 30 से 50 वर्षों के बीच होती है, जो कंपनी को राजस्व धाराओं पर दीर्घकालिक दृष्टिकोण प्रदान करती है।