इन 5 सूरतों में रुक सकता है आपके पीपीएफ खाते में जमा पर मिलने वाला ब्याज, जानिए
पीपीएफ अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड 15 वर्षों का होता है। हालांकि खाताधारक इसे पांच वर्षों के एक अन्य ब्लॉक के लिए बढ़वा सकता है
By Praveen DwivediEdited By: Updated: Tue, 26 Feb 2019 03:55 PM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। औसत सैलरी पाने वाले नौकरीपेशा लोगों के लिए हर माह थोड़ी-थोड़ी बचत कर पाना एक मुश्किल काम होता है। हालांकि बाजार में काफी सारे निवेश विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन हर विकल्प हर किसी के लिए मुफीद नहीं होता है। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और किसी अच्छे विकल्प की तलाश में हैं तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड से बेहतर कोई विकल्प हो ही नहीं सकता।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि लंबी अवधि की निवेश योजनाओं में पीपीएफ सबसे बेहतर माना जाता है जो कि रियायरमेंट के बाद आपको अपने सभी लक्ष्यों को पाने में मददगार होता है। आप इसमें बच्चों की पढ़ाई और उनकी शादी के भावी खर्चों के लिहाज से भी निवेश कर सकते हैं। अगर यह पूछा जाए कि निवेशक पीपीएफ को इतना तरजीह क्यों देते हैं तो जाहिर तौर पर इसका जवाब गांरटीड टैक्स फ्री रिटर्न का मिलना है। पीपीएफ में किया गया निवेश ईईई कैटेगरी यानी एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट श्रेणी में आता है। यानी इसमें किया गया निवेश, निवेश पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि तीनों टैक्स फ्री होती हैं।
पीपीएफ में जमा राशि पर ब्याज मिलता रहता है, लेकिन कुछ सूरतों में इस ब्याज को रोका भी जा सकता है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको इन्हीं सूरतों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, कि कब आपके पीएफ योगदान पर ब्याज मिलना रुक सकता है।
500 रुपये से कम का सालाना योगदान: पीपीएफ अकाउंट में एक शर्त जुड़ी होती है कि इसमें एक वित्त वर्ष के भीतर 500 रुपये का सालाना निवेश करना अनिवार्य होता है। अगर आप किसी वित्त वर्ष में 500 रुपये जमा करने से चूक जाते हैं तो आपका पीपीएफ अकाउंट निष्क्रिय (इनएक्टिव) कर दिया जाता है।
1.5 लाख रुपये से अधिक के सालाना योगदान पर: पीपीएफ खाते में किया गया योगदान या निवेश एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर कोई पीपीएफ खाता धारक 1.5 लाख रुपये से अधिक का वार्षिक योगदान करता है तो उसे अतिरिक्त राशि मान लिया जाएगा और उस पर उसे ब्याज नहीं मिलेगा।
काफी सारे पीपीएफ खाते खोल लेने पर: पीपीएफ नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति अपने नाम पर सिर्फ एक ही पीएफ खाता खुलवा सकता है। अगर किसी व्यक्ति के नाम पर पहले से ही बैंक में कोई पीपीएफ खाता है तो वो किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में दूसरा पीपीएफ खाता नहीं खुलवा सकता है। अगर फिर भी आप दूसरा खाता (अकाउंट) खुलवा लेते हैं तो आपका दूसरा खाता अनियमित मान लिया जाएगा। हालांकि माता-पिता के पास यह छूट होती है कि वो अपने नाबालिग बच्चे नाम पर पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं।
ज्वाइंट नाम के साथ पीपीएफ खाता खुलवाने की सूरत में: पीपीएफ नियमों के हिसाब से संयुक्त नामों के साथ खाता खोलने की अनुमति नहीं है। अगर आप संयुक्त नामों के साथ पीपीएफ खाता खुलवाते हैं तो उसे अनियमित मान लिया जाएगा और उसे बंद कर दिया जाएगा।मैच्योरिटी के बाद योगदान: पीपीएफ अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड 15 वर्षों का होता है। हालांकि खाताधारक इसे पांच वर्षों के एक अन्य ब्लॉक के लिए बढ़वा सकता है। इसके लिए उसे बैंक में आवेदन करना होता है। हालांकि अगर आप बैंक को सूचना दिए बिना 15 वर्षों बाद भी पीपीएफ में अपना योगदान जारी रखते हैं तो आपके योगदान को अनियमित मान लिया जाएगा। न तो आपको इस अतिरिक्त राशि पर कोई ब्याज मिलेगा और न ही आप इस पर टैक्स बचत का फायदा उठा पाएंगे।
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