आपके पास क्यों होना चाहिए PAN कार्ड, 10 प्वाइंट में समझिए
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के दौरान आपका आधार पैन के साथ लिंक होना जरूरी है
By Praveen DwivediEdited By: Updated: Sun, 24 Feb 2019 11:54 AM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पैन या पर्मानेंट अकाउंट नंबर एक 10 डिजिट का अल्फान्यूमैरिक नंबर है जिसे आयकर विभाग की ओर से करदाताओं को जारी किया जाता है। पैन के जरिए करदाता अपने लेन-देन को लिंक कर सकता है। इसमें टैक्स का भुगतान, टीडीएस कटौती और इनकम टैक्स रिटर्न प्रमुखता से शामिल होता है।
सही मायनों में कहें तो पैन कार्ड व्यक्ति की आयकर विभाग में नुमाइंदगी करने वाला अहम दस्तावेज होता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान पैन का उल्लेख करना अब अनिवार्य किया जा चुका है। वहीं कुछ अन्य जरूरी कामकाजों के लिए भी अब पैन अनिवार्य हो गया है जैसे कि 5 लाख या उससे अधिक की अचल संपत्ति को खरीदने के दौरान भी पैन का उल्लेख करना होता है। यह जानकारी आयकर की वेबसाइट पर दर्ज है।
जानिए पैन कार्ड से जुड़े नए नियमों के बारे में और आखिर यह आपके पास क्यों होना ही चाहिए:
- किसी वित्तीय संस्थान में टाइम डिपॉजिट या फिक्स्ड डिपॉजिट 50,000 रुपये से अधिक की धनराशि जमा कराने की सूरत में पैन का उल्लेख करना अनिवार्य है। वहीं पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट में भी 50,000 रुपये से अधिक की नकदी जमा कराने पर भी पैन का उल्लेख करना होता है।
- होटल एवं रेस्तरां में 25,000 रुपये से ऊपर के बिल के लिए भी पैन कार्ड का उल्लेख करना अनिवार्य है।
- आयकर विभाग के मुताबिक बैंक ड्राफ्ट की नकद खरीद, पे ऑर्डर या एक दिन में 50,000 रुपये या उससे ऊपर के बैंकर्स चेक के लिए भी आपको अपना पैन कार्ड देना होता है।
- पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर जिसे आयकर विभाग की ओर से जारी किया जाता है का उल्लेख करना उस वक्त जरूरी होता है जब आप बैंक में एक दिन में 50,000 रुपये या उससे ऊपर की नकदी जमा करा रहे हों।
- क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड प्राप्त करने के लिए भी पैन कार्ड का उल्लेख करना जरूरी है।
- वहीं एक लाख से ऊपर की कीमत वाली सिक्योरिटी की खरीद और म्युचुअल फंड्स यूनिट्स की खरीद पर किए जाने वाले 50,000 रुपये या इससे अधिक के भुगतान पर भी पैन कार्ड की जानकारी देनी होती है।
- किसी कंपनी के शेयर्स खरीदने के लिए उसे 50,000 रुपये या उससे अधिक का पेमेंट करने की सूरत में भी पैन की जानकारी देनी होती है। साथ ही अगर आप किसी कंपनी के डिबेंचर या बॉण्ड खरीदने के लिए भी इतना ही पेमेंट कर रहे हैं तो भी आपको पैन का जिक्र करना होगा।
- वहीं लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम में भी 50,000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर भी आपको अपने पैन नंबर की जानकारी देनी ही होगी।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के दौरान आपका आधार पैन के साथ लिंक होना जरूरी है। ऐसा न होने पर आपका आईटीआर प्रोसेस नहीं होगा।
- आप पैन कार्ड के लिए आवेदन ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड दोनों माध्यमों से अपनी सहूलियत के हिसाब से कर सकते हैं। आप पैन कार्ड में हुई गलतियों को ऑनलाइन सुधार भी सकते हैं।