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सरकार लाएगी National Retail Trade Policy, छोटे व्यापारियों को बीमा के साथ मिलेंगी ये सुविधाएं

National Retail Trade Policy DPIIT के संयुक्त सचिव संजीव ने एफएमसीजी और ई-कॉमर्स पर एक सम्मेलन में बोलते हुए कहा है कि सरकार रिटेल ट्रेड के विकास के लिए पॉलिसी पर कार्य कर रही है। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 06 Mar 2023 02:33 PM (IST)
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National Retail Trade Policy accident insurance scheme
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत सरकार जल्द रेहड़ी पटरी लगाने वाले रिटेल ट्रेडर के लिए एक नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी लाने वाली है। इसका उद्देश्य देश में रिटेल ट्रेडर के लिए व्यापार करना आसान बनाना है। सोमवार को एक वरिष्ठ आधिकारी की ओर से ये जानकारी दी गई।

डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि नीति से व्यापारियों को बेहतर बुनियादी ढांचा और अधिक ऋण उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी। साथ ही सरकार ऑनलाइन रिटेल सेलर्स के लिए एक ई-कॉमर्स नीति लाने पर कार्य कर रहा है। साथ ही कहा कि हम चाहते हैं कि ई-कॉमर्स और खुदरा व्यापारियों के बीच तालमेल हो।

नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी में व्यापारियों को मिलेंगी कई सुविधाएं

एफएमसीजी और ई-कॉमर्स पर एक सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि सरकार न केवल ई-कॉमर्स बल्कि नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी में नीतिगत बदलाव करने की कोशिश कर रही है और यह देश के रिटेल ट्रेडर के लिए होगी। इससे उनके लिए व्यापार करना आसान, बेहतर बुनियादी ढांचा और ऋण के अधिक विकल्प और कई अन्य तरह के फायदे ट्रेडर को दिए जाएंगे। साथ ही इंडस्ट्री से कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का अधिक विनिर्माण किया जाएं।

छोटे कारोबारियों को मिलेगा दुर्घटना बीमा

संजीव ने आगे कहा कि विभाग सभी रिटेल व्यापारियों के लिए बीमा योजना बनाने पर कार्य कर रहा है। दुर्घटना बीमा मिलने से देश के छोटे व्यापारियों को बड़ा सहारा मिलेगा।

क्या है नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी?

डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) की ओर से नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी बनाई जा रही है। सरकार ने इसका मसौदा तैयार करने के लिए कुछ समय पहले 16 विभागों और मंत्रालय के सुझाव मांगे हैं। इस नीति को लाने का उद्देश्य देश में रिटेल ट्रेड को विकास कर विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए रणनीति तैयार करना है। इसमें कौशल विकास को बढ़ावा देना और श्रम उत्पादकता में सुधार करने को लेकर भी कार्य किया जाएगा।