राजस्थान में लिथियम के भंडार की खोज की खबर सामने आने के एक दिन बाद प्रमुख उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने देश में महत्वपूर्ण खनिज की शोधन क्षमता स्थापित करने की प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाने के लिए कहा। (फाइल फोटो)।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Tue, 09 May 2023 06:34 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार आनंद महिंद्रा ने मंगलवार को राजस्थान में लिथियम के भंडार की खोज के बारे में ये बयान दिया है। उन्होने इसकी सराहना करते हुए कहा कि देश में इस महत्वपूर्ण खनिज की शोधन क्षमता स्थापित करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाने की जरूरत है। उन्होने कहा कि रिफाइनिंग क्षमता के मामले में चीन पहले से ही आगे है। क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।
राजस्थान में लिथियम के भंडार की खोज पर आनंद महिंद्रा का ट्वीट
राजस्थान में
लिथियम के भंडार की खोज की खबर सामने आने के एक दिन बाद, प्रमुख उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने देश में महत्वपूर्ण खनिज की शोधन क्षमता स्थापित करने की प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाने के लिए कहा। उन्होने एक ट्वीट करते हुए लिखा,"आखिरकार। हमारे पास 21वीं सदी में विकास के लिए महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन का बड़ा भंडार है। यह संकेत है कि भारत का 'विद्युतकारी भविष्य' है।' लेकिन आपूर्ति श्रृंखला में प्रमुख तत्व रिफाइनिंग है, भंडार नहीं, जहां चीन की बड़ी बढ़त है। हमें उस क्षमता को स्थापित करने के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है।"
हाल ही में मिला है लिथियम का जखीरा
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में लिथियम का एक और भंडार पाया है। जीएसआई और खनन अधिकारियों ने कथित तौर पर दावा किया है कि यहां पाए गए लिथियम भंडार की क्षमता हाल ही में जम्मू-कश्मीर में पाए गए
लिथियम भंडार से अधिक है। दावा किया जा रहा है कि यहां इतना लिथियम है कि भारत की कुल मांग को 80 फीसदी यहीं से पूरा किया जा सकता है। लीथियम के लिए अभी तक भारत चीन पर निर्भर है। अब माना जा रहा है कि चीन का एकाधिकार खत्म होगा और खाड़ी देशों की तरह राजस्थान का भी भाग्य उदय होने वाला है।
क्या होता है लिथियम
लिथियम एक अलौह (non-ferrous) धातु है, जिसका उपयोग मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन और अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है। इलेक्ट्रिक कारों में इसका बहुत बड़ा रोल है। विश्व बैंक एक की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2050 तक लिथियम धातु की वैश्विक मांग में 500 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इस दृष्टि से राजस्थान में
लिथियम का अपार भण्डार प्राप्त होना न केवल प्रदेश के लिए ही नहीं पूरे देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।