Adani Enterprises मामले का अर्थव्यवस्था पर असर नहीं, नियामक एजेंसियां कर रही हैं अपना काम: निर्मला सीतारमण
Adani Enterprises वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है और इस पर अडानी समूह के एफपीओ के वापस होने का कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि एजेंसियां इस मामले को देख रही हैं।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Sat, 04 Feb 2023 03:14 PM (IST)
मुंबई, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और इस पर अडानी एंटरप्राइजेस विवाद का कोई असर नहीं पड़ेगा। बजट को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 24 के लिए हाल ही में पेश किए गए बजट का मुख्य फोकस विकास पर है। उन्होंने कहा कि बजट प्रस्ताव में राजकोषीय समेकन और विकास, दोनों पर सामान रूप से ध्यान दिया गया है। इनके बीच संतुलन स्थापित करना ही सरकार का लक्ष्य है।
उन्होंने एक आउटरीच इवेंट में मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ भाग लिया। सीतारमण ने कहा कि विकास हमारे बजट का मुख्य फोकस है। हम उस रिकवरी को बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने विकास सुनिश्चित करने का श्रेय देश के लोगों को दिया। उन्होंने कहा कि आम लोगों ने देश को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई राहत और नीतिगत उपायों को आत्मसात किया।
#WATCH |"...FPOs come&get out. Fluctuations are in every market. Fact that we've had 8 Billion come(Foreign Exchange Reserve)in last few days proves that perception about India&its strength is intact," FM on India's position in global financial market in wake of(Adani)FPO pullout pic.twitter.com/MaEFE6DBX7
— ANI (@ANI) February 4, 2023
बजट में किए गए हैं सभी प्रस्ताव
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्वजनिक पूंजीगत व्यय पर अधिक राशि खर्च करने की इच्छा के अनुरूप है। इसलिए बजट में इसके तहत 10 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है।आते-जाते रहते हैं एफपीओ
वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि क्या वैश्विक वित्त बाजार में भारत की स्थिति अडानी एफपीओ पुलआउट के मद्देनजर कमजोर हुई है, तो उन्होंने कहा कि पिछले 2 दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार 8 बिलियन (डॉलर) बढ़ गया है। हमारे मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल या अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है।उन्होंने कहा कि एफपीओ आते हैं और निकल जाते हैं। ये उतार-चढ़ाव हर बाजार में होता है। लेकिन हकीकत यह है कि पिछले कुछ दिनों में हमारे पास 8 बिलियन आए हैं। यह साबित करता है कि भारत और इसकी अंतर्निहित ताकत के बारे में धारणा मजबूत हुई है। नियामक एजेंसियां अपना काम बखूबी कर रही हैं। आरबीआई ने बयान जारी कर दिया है। उससे पहले बैंकों और एलआईसी ने अडानी समूह में अपने एक्सपोजर के बारे में बताया है।