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अमेरिका में बैंकिंग संकट के बीच PSU बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

PSU Banks Meeting With Nirmala Sitharaman सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द मुलाकात कर सकती है। कहा जा रहा है कि अमेरिकी बैंक संकट को ध्यान में रखते हुए यह मीटिंग हो रही है। (फाइल फोटो)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Thu, 23 Mar 2023 02:55 PM (IST)
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PSU Banks Meeting With Nirmala Sitharaman, See Details Here

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अमेरिका में होने वाली बैंकों की विफलता और क्रेडिट सुइस की नकदी संकट को ध्यान में रखते हुए भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रबंध निदेशकों से मुलाकात कर सकती हैं। कहा जा रहा है कि वह प्रबंध निदेशकों से 25 मार्च को मिलने वाली है, जिसमें कई बड़े मुद्दों पर बातचीत की जा सकती है।

पहली पूर्ण समीक्षा बैठक

बजट 2023-24 को पेश करने के बाद यह पहली पूर्ण समीक्षा बैठक होगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसमें बैंकों को उत्पादक क्षेत्रों के ऋण प्रवाह सहित बजट द्वारा उजागर किए गए क्षेत्रों पर ध्यान देने के लिए कहा जा सकता है। साथ ही आक्रामक मौद्रिक सख्ती के कारण बैंकों की विफलता पर होने वाली वैश्विक चिंता के बारे में यह बैठक हो सकती है।

इन चीजों पे हो सकती है चर्चा

कहा जा रहा है कि पहली पूर्ण समीक्षा बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), और आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए बैंकों द्वारा की गई प्रगति का जायजा लिया जा सकता है।

इसके अलावा, वित्त मंत्री अगले वित्त वर्ष के लिए ऋण वृद्धि, संपत्ति की गुणवत्ता, पूंजी जुटाने और बैंकों की व्यवसाय वृद्धि योजना की समीक्षा करेंगी। साथ ही, 100 करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) और इनकी वसूली की स्थिति पर भी चर्चा की जा सकती है।

बैंकों की संपत्ति में हुआ सुधार

बता दें कि हाल के समय में सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधार योजनाओं के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्ति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। सकल एनपीए अनुपात मार्च 2018 में 14.6 प्रतिशत से गिरकर दिसंबर 2022 में 5.53 प्रतिशत हो गया है। इस तरह, सभी पीएसबी का कुल लाभ चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में बढ़कर 70,167 करोड़ रुपये हो गया, जो 2021-22 में 66,543 करोड़ रुपये था।

यूएस फेड ने बुधवार को बैंकिंग संकट के बावजूद उच्च मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की। इस कारण, सबकी निगाह इस बात पर भी रहेगी कि बढ़ती मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।