अब मनी लांड्रिंग एक्ट में CA और CS भी, जानिए क्या है इस फैसले की वजह
इस नोटिफिकेशन के बाद अब सीए सीएस और सीडब्ल्यूए को अपने क्लाइंट की सभी डील पर नजर रखनी होगी और चूकने पर उनके उपर मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इतना ही नहीं अब इन्हें अपने क्लाइंट की केवाईसी डिटेल भी अपने साथ रखना होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: केंद्र सरकार कालेधन पर लगाम लगाने के लिए अब नया कदम उठाई है। वित्त मंत्रालय ने मनी-लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) में बदलाव कर अब वित्तीय लेनदेन करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (CA), कंपनी सचिवों (CS) और कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट (CWA) को मनी लांड्रिंग कानून के दायरे शामिल कर दिया है।
सरकार ने जारी किया नेटिफिकेशन
वित्त मंत्रालय ने बकायदा नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि सरकार ने सीए और सीएस को PMLA कानून के तहत रिपोर्टिंग एंटीटी की लिस्टम में शामिल किया है। अधिसूचित परिवर्तनों के अनुसार, अब सीए, सीएस को अपने क्लाइंट के साथ व्यवहार करने से पहले उनकी सही वित्तीय स्थिति और स्वामित्व विवरण का पता लगाने के लिए उत्तरदायी होंगे।
इन गतिविधियों को पीएमएलए के दायरे में लाया गया
सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद पीएमएलए के दायरे में अब किसी भी अचल संपत्ति की खरीद और बिक्री; क्लाइंट के पैसे, प्रतिभूतियों या अन्य संपत्तियों का प्रबंधन; बैंक, बचत या प्रतिभूति खातों का प्रबंधन; कंपनियों के निर्माण, संचालन या प्रबंधन के लिए योगदान का संगठन; कंपनियों का निर्माण, संचालन या प्रबंधन, सीमित देयता भागीदारी या ट्रस्ट, और व्यापारिक संस्थाओं की खरीद और बिक्री, उक्त उप-धारा के उद्देश्यों के लिए एक गतिविधि होगी।
काला धन रोकना है मकसद
सरकार देश में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए यह फैसला लेकर आई है। हालांकि, वकीलों और कानूनी पेशेवरों को पीएमएलए के तहत आने वाली संस्थाओं की नई परिभाषा से बाहर रखा गया लगता है। इस नोटिफिकेशन के बाद सीए, सीएस और सीडब्ल्यूए को अब अपने क्लाइंट की केवाईसी करवानी होगी और उनका डेटा अपने पास रखना होगा।