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ONDC: E-Commerce कंपनियों से सस्ता मिल रहा सामान; जानिए कैसे काम करता है ये सरकारी प्लेटफॉर्म

Open Network for Digital Commerce (ONDC) ओएनडीसी को सरकारी की ओर से अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसका उद्देश्य छोटे और बड़े बिक्रेताओं को ई-कॉमर्स के अवसर प्रदान करना है। (जागरण - फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 14 May 2023 09:12 AM (IST)
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Open Network for Digital Commerce (ONDC): How its Works

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश में ओएनडीसी (ONDC) इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। वजह है किफायती दामों पर ग्राहकों को अच्छा सामान मिलना, जिस कारण लोग बड़ी संख्या में ओएनडीसी का उपयोग कर रहे हैं। इस कारण ओएनडीसी को ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए चुनौती भी माना जा रहा है।

क्या है ONDC?

ओएनडीसी का पूरा नाम ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (Open Network for Digital Commerce) है। ये एक सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है। इसे सितंबर में पिछले साल लॉन्च किया गया था और आज ये 180 से ज्यादा शहरों में मौजूद है।

ओएनडीसी को सरकार की ओर से छोटी और बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए बनाया गया है। इसे ई-कॉमर्स मार्केट में अमेजन और फ्लिपकार्ट में बढ़ते वर्चस्व को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

कैसे काम करता है ONDC?

ONDC की खासियत है ये खरीदार और बिक्रेता के बीच में सीधे संपर्क स्थापित करता है। इसका अपना कोई ऐप नहीं है। जैसे ही आप इसकी वेबसाइट पर जाएंगे आप पेटीएम, मैजिकपिन और अन्य ऐप के माध्यम से आसपास के रेस्तरां के ऑर्डर कर पाएंगे। ओएनडीसी पर खाने के अलावा ग्रॉसरी, होम डेकोरेशन और अन्य सामनों भी ऑर्डर कर सकते हैं।

ई-कॉमर्स से सस्ता है ONDC?

ONDC ऐप पर किसी बिक्रेता से उसकी सर्विस या प्रोडक्ट की लिस्टिंग के लिए काफी कम कमीशन लिया जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार ये अधिकतम 2 से 4 प्रतिशत तक होता है। वहीं, दूसरे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अधिक कमीशन का भुगतान बिक्रेताओं को करना पड़ता है। इस कारण ओएनडीसी ऐप पर सर्विस और प्रोडक्ट खरीदना सस्ता है। हालांकि, अभी ओएनडीसी अभी शुरुआती स्तर पर है और ये देखना होगा कि भविष्य में कैसे सेवाएं देता है और उपभोक्ताओं को कितना लाभ होगा।