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पूरे हुए Jan Dhan Yojana के सात साल, प्रधानमंत्री ने की सराहना, जानिए इस योजना की खास बातें

यह योजना बिना बैंक खाते वाले लोगों को बैंक खाता खोलने की सुविधा देती है। इसने भारत के विकास पथ को हमेशा के लिए बदल दिया है। इसने अनगिनत भारतीयों के लिए वित्तीय समावेशन और गरिमापूर्ण जीवन के साथ सशक्तिकरण सुनिश्चित किया है।

By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Sat, 28 Aug 2021 12:54 PM (IST)
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PM जन धन योजना ने अपने सात साल पूरे कर लिए हैं
नई दिल्ली पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपनी सरकार की 'प्रधान मंत्री जन धन योजना' की सराहना करते हुए कहा "कि इस योजना ने अपने सात साल पूरे कर लिए हैं, और यह योजना बिना बैंक खाते वाले लोगों को बैंक खाता खोलने की सुविधा देती है। इस योजना ने भारत के विकास पथ को हमेशा के लिए बदल दिया है। इस योजना ने अनगिनत भारतीयों के लिए वित्तीय समावेशन और गरिमापूर्ण जीवन के साथ-साथ सशक्तिकरण सुनिश्चित किया है, इस पहल ने पारदर्शिता को भी बढ़ावा दिया है।"

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि "मैं उन सभी लोगों के अथक प्रयासों की सराहना करना चाहता हूं जिन्होंने पीएम जन धन को सफल बनाने के लिए काम किया है। उनके प्रयासों ने भारत के लोगों को जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित की है।"

इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "जन धन कार्यक्रम के तहत खोले गए 43.04 करोड़ बैंक खातों में से फिलहाल 36.86 करोड़ बैंक खाते चालू हैं।" इसके अलावा सरकार ने कहा है कि "इतनी बड़ी संख्या में गरीब आबादी के वित्तीय समावेशन से उनकी लक्षित आबादी तक पहुंचने में नकद हस्तांतरण सहित कई कल्याणकारी कार्यक्रमों में मदद मिली है।"

क्या है जन धन योजना

जन धन योजना की शुरुआत 28 अगस्त 2014 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई थी। इस योजना के तहत अभी तक 43.04 करोड़ लाभार्थियों ने अपना अकाउंट खुलवाया है और लाभार्थियों के खाते में 146,230.71 करोड़ रुपये की धनराशि जमा है। इसके अलावा उपसेवा क्षेत्रों में 1.26 लाख बैंक मित्र शाखा रहित बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना को वंचित और कम आय वर्गो को विभिन्न वित्तीय सेवाएं जैसे मूल बचत बैंक खाते की उपलब्धता, आवश्यकता आधारित लोन की उपलब्धता, बीमा तथा पेंशन उपलब्ध कराने जैसे उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया था।