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शुद्ध ब्याज मार्जिन के घटने से बैंकों का मुनाफा हुआ प्रभावित: SBI

SBI के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ब्याज मार्जिन की घटती दरों और टेक्नॉलॉजी अडॉप्शन के बढ़ते बोझ के कारण बैंकों के मुनाफे में कमी देखी गई है। इसके अलावा फिनटेक कंपनियों के कारण भी बैंकों का मुनाफा प्रभावित हुआ है।

By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Fri, 10 Sep 2021 10:47 AM (IST)
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शुद्ध ब्याज मार्जिन के घटने से बैंकों का मुनाफा प्रभावित हुआ है
नई दिल्ली, पीटीआइ। Net Interest Margin (NIM) के घटने और घटती दरों के साथ अनुपालन और टेक्नॉलॉजी अडॉप्शन के बढ़ते बोझ की वजह से बैंकों के मुनाफे में कमी देखी गई है। गुरुवार को State Bank Of India(SBI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी उपलब्ध कराई है।

SBI के अधिकारी ने बयान देते हुए कहा कि "बैंकों के व्यापार मॉडल में बदलाव, पूंजी की बढ़ती लागत, अनुपालन की लागत, नई तकनीकों को अपनाने की लागत, ये सभी एनआईएम को कम कर रहे हैं क्योंकि हमने देखा है कि ब्याज दरें कम रही हैं।"

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मुख्य महाप्रबंधक मंजू एस बोलाकानी ने कहा है कि "मुझे लगता है कि रिजर्व बैंक ने मई 2020 के बाद से रेपो और रिवर्स रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है और उनका समायोजन रुख रहा है। जिस कारण से, उधार दरें कम हैं, जमा दरें भी कम हैं। इसलिए बैंकों का एनआईएम (शुद्ध ब्याज मार्जिन) कम रहा है।"

इंडियन बैंकिंग सेक्टर रिजिलियंस एंड रिसर्सन के मुद्दे पर पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बयान देते हुए एसबीआई की मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि, "बैंकों का मुनाफा घटा है, जब तक कि उनके पास एसबीआई जैसा बड़ा खजाना नहीं है। हम इनमें से कुछ लागतों को ट्रेजरी मुनाफे से ऑफसेट करने में सक्षम हो सकते हैं। अनुपालन का बढ़ता बोझ संसाधनों पर बहुत अधिक दबाव पैदा कर रहा है, आजकल व्यवसाय से पहले अनुपालन आता है।"

बैंकिंग क्षेत्र में फिनटेक कंपनियों के कारण हुए व्यवधान के बारे में अधिकारी ने कहा कि "नए प्रवेशकर्ता बैंकों को फिनटेक के साथ साझेदारी करने और नए उत्पादों को पेश करने और खुद को फिनटेक कंपनियों में बदलने के लिए मजबूर कर रहे हैं।"

यूको बैंक के रिटेल बैंकिंग एमएसएमई और बैंकएश्योरेंस बिजनेस के महाप्रबंधक निधु सक्सेना ने कहा कि "महामारी के कारण एमएसएमई बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए लिक्विडिटी में एक मिसमैच देखने को मिला है। सरकार और आरबीआई अर्थव्यवस्था को सपोर्ट कर रहे हैं, और महामारी की शुरुआत के बाद से इस क्षेत्र को संभालने के लिए कई उपाय किए गए हैं।"