RBI Monetary Policy: कम हो रही है महंगाई या आर्थिक सेहत की चिंता, आरबीआई ने इस बार क्यों नहीं बढ़ाई ब्याज दरें
RBI MPC Meeting भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बार प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित छोड़ दिया। उसका मानना है कि भारत का आर्थिक सुधार अभी भी अधूरा है और उसे निरंतर नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है। (जागरण फाइल फोटो)
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Thu, 06 Apr 2023 12:41 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार छह बढ़ोतरी के बाद गुरुवार को अपनी प्रमुख रेपो दर को स्थिर रखते हुए एक अप्रत्याशित कदम उठाया। आरबीआई ने कहा कि वह हाल की वैश्विक वित्तीय उथल-पुथल के प्रभाव की बारीकी से निगरानी कर रहा है। आरबीआई ने कहा कि इसका नीतिगत रुख 'समायोजन वापस लेने' पर केंद्रित है।
आरबीआई ने इस बात का साफ संकेत दिया है कि यदि आवश्यक हो तो यह और दर वृद्धि पर विचार कर सकता है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दर वृद्धि में विराम केवल इस बैठक के लिए है। अधिकांश विश्लेषकों ने आरबीआई से 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की उम्मीद की थी। पिछले साल मई से रिजर्व बैंक ने रेपो दर में कुल 250 बीपीएस की वृद्धि की है।
क्या है इसकी वजह
RBI के ताजा रुख को देखें तो ये पूरे FY24 के लिए दरों में बढ़ोतरी रोकने के दीर्घकालिक लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। देश में अब भी तरलता की स्थिति कठोर बनी हुई है। शॉर्ट टर्म यील्ड में कुछ दबाव बना रह सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि वित्तीय स्थिरता की चिंताओं से आरबीआई पहले ही मुक्त हो चुका है। एमपीसी ने अपनी संचयी 250 बीपीएस दर वृद्धि के प्रभाव का आकलन किया है।
क्या वाकई सुधर रहे हैं महंगाई के आंकड़े
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति में 5.2 प्रतिशत की मामूली कमी का अनुमान लगाया है, लेकिन साथ ही ये भी आगाह किया कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।हालांकि रिजर्व बैंक ने फरवरी के 5.3 प्रतिशत के मुकाबले मुद्रास्फीति के ताजा अनुमान को कम कर दिया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि उत्पादन में कटौती के ओपेक के फैसले के कारण कच्चे तेल की कीमतों में हालिया उछाल के बीच मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण गतिशील बना हुआ है।